विवेक तिवारी केस- आरोपित कांस्टेबल की पत्नी ने एसएसपी ऑफिस में जमकर हंगामा किया, इस बात पर अड़ी रही

भले प्रशांत चौधरी, उनकी पत्नी राखी मलिक और यूपी पुलिस के कुछ अधिकारी ये दावा करें, कि प्रशांत ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज, घटना की इकलौती चश्मदीद गवाह और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट कुछ और ही कह रहा है।

New Delhi, Oct 02 : लखनऊ में चर्चित विवेक तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपित पुलिस कांस्टेबल प्रशांत चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस पुलिसिया कार्रवाई का विरोध कर रही प्रशांत की पत्नी राखी मलिक ने एसएसपी ऑफिस में जमकर हंगामा किया। इस दौरान मीडियाकर्मियों से उनकी नोकझोंक भी हुई। आपको बता दें कि प्रशांत की पत्नी राखी मलिक भी यूपी पुलिस में कांस्टेबल है, दोनों गोमतीनगर थाने में तैनात हैं।

घर वालों ने किया हंगामा
राखी मलिक एसएसपी ऑफिस में हंगामा कर रही थी, इस दौरान कुछ महिला पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़कर गाड़ी में बिठाया और गोमतीनगर थाने ले गई। पुलिस कप्तान की चौखट से राखी मलिक के बेरंग लौटने के बाद प्रशांत चौधरी की मां और परिवार के दूसरे सदस्य भी तुरंत गोमतीनगर थाने पहुंच गये। परिवार के लोग एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर हंगामा करते रहे ।

राखी मलिक ने क्या कहा ?
गोमती नगर थाने में तैनात प्रशांत की पत्नी राखी मलिक ने कहा कि उनके पति प्रशांत चौधरी शुक्रवार की रात वर्दी पहन कर ड्यूटी पर निकले थे, देर रात सुनसान सड़क पर उन्हें एसयूवी कार देखकर संदेह हुआ। जिसके बाद वो कांस्टेबल संदीप के साथ छानबीन के लिये आगे बढे, कि तभी कार तेज रफ्तार से उनकी तरफ दौड़ पड़ी, बाइक को किनारे से टक्कर मारने के बाद ड्राइवर ने गाड़ी बैक पर दुबारा उन पर गाड़ी चढाने की कोशिश की ।

आत्मरक्षा में की फायरिंग
प्रशांत चौधऱी की पत्नी ने कहा कि कांस्टेबल ने सर्विस पिस्टल से आत्मरक्षा में फायरिंग की, ऐसी दशा में पहली एफआईआर प्रशांत और संदीप की ओर से होनी चाहिये थी। लेकिन दबाव की वजह से इन दोनों कांस्टेबल के खिलाफ अभियोग दर्ज किया गया है। इसके साथ ही आनन-फानन में उन्हें बर्खास्त करने के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

सीसीटीवी फुटेज दावों को झुठला रहे
भले प्रशांत चौधरी, उनकी पत्नी राखी मलिक और यूपी पुलिस के कुछ अधिकारी ये दावा करें, कि प्रशांत ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज, घटना की इकलौती चश्मदीद गवाह और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट कुछ और ही कह रहा है। इस घटना ने यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली को भी सवालों के घेरे में खड़ी कर दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले के लिये एसआईटी गठित किया है, और पीड़ित की पत्नी को आश्वासन दिया है कि दोषी किसी भी हाल में नहीं बख्शे जाएंगे।