जदयू ज्वाइन करते ही एक्शन में प्रशांत किशोर, इस तरह करेंगे पीएम मोदी की मदद

आज नीतीश कुमार पटना लौट रहे हैं, इसके बाद प्रशांत किशोर लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएंगे, जदयू में रहते हुए पीके बिहार में नीतीश के व्यक्तिव के ईद-गिर्द ही अपना प्रचार केंद्रित करेंगे।

New Delhi, Sep 20 : जदयू में शामिल होते ही चुनावी रणनीति बनाने में माहिर प्रशांत किशोर एक्शन में हैं, वो दिल्ली में सीएम नीतीश कुमार के 3 दिनों के प्रवास के दौरान साये की तरह उनके साथ रहे, इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेन्द्र यादव से भी उनकी मुलाकात हुई, माना जा रहा है कि पीके पटना में बैठकर 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे।

पीके ने निभाई भूमिका
सुशासन बाबू के साथ पीके की निकटता का आप अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं, कि बीजेपी के साथ लोकसभा के लिये सीट शेयरिंग जैसे पेचीदा मसले को हल करने में उन्होने सार्थक भूमिका निभाई। नीतीश कुमार ने पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में खुलेआम कहा, कि बीजेपी के साथ सबकुछ तय हो चुका है, लेकिन उन्हें गोपनीय रखने की बात कही गई है, इसी वजह से उन्होने अपने अगल-बगल बैठने वालों को भी इसकी जानकारी नहीं दी है।

नीतीश के उत्तराधिकारी
नीतीश कुमार के सीटों पर बयान के कुछ घंटे बाद ही पटना में जदयू ऑफिस में पीके की एंट्री हुई, पार्टी के भीतर दबी जुबां में सब बात कपने लगे, कि सीट शेयरिंग की जानकारी अगर नीतीश कुमार के अलावा किसी को है, तो वो पीके हैं। प्रशांत किशोर को नीतीश का उत्तराधिकारी कहा जा रहा है, दरअसल जदयू के एक नेता ने कहा कि नीतीश के बेटे निशांत की दिलचस्पी सियासत में बिल्कुल भी नहीं है, साथ ही वो अपने परिवार को दल पर थोपना नहीं चाहते, इसी वजह से उन्होने अपने बाद कई नेताओं को टटोला, जो पार्टी की जिम्मेदारी संभाल सकें, प्रशांत के कार्य कुशलता और क्षमता से वो बहुत प्रभावित हैं, इसी वजह से वो उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं।

दिल्ली में अमित शाह से चर्चा
बुधवार को नीतीश कुमार ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की, इस दौरान भूपेन्द्र यादव भी मौजूद थे, कहा जा रहा है कि अमित शाह के साथ नीतीश ने सीटों की संख्या नहीं बल्कि कौन-कौन सी सीट पर चुनाव लड़ेंगे, इस बारे में बातचीत कर रहे हैं। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने प्रशांत किशोर, पवन वर्मा और केसी त्यागी के साथ करीब घंटे भर चर्चा करते रहे, अब पीके सीधे तौर पर पार्टी और सरकार में दखल देने लगे हैं, नीतीश उनसे राय-मशविरा लेकर ही फैसला ले रहे हैं।

मोदी की मदद
आज नीतीश कुमार पटना लौट रहे हैं, इसके बाद प्रशांत किशोर लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएंगे, जदयू में रहते हुए पीके बिहार में नीतीश के व्यक्तिव के ईद-गिर्द ही अपना प्रचार केंद्रित करेंगे। आपको बता दें कि 2015 में पीके ने झांसे में ना आएंगे, नीतीशे को जिताएंगे…. और बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार हैं… जैसे प्रभावशाली स्लोगन दिये थे, जो लोगों की जुबां पर चढ गई थी। हालांकि इस बार परिस्थिति अलग है, तब बीजेपी के खिलाफ पीके प्लान बना रहे थे, इस बार सामने राजद और कांग्रेस है, यानी उस बार के अपेक्षा इस बार पीके का काम ज्यादा आसान है, क्योंकि वो मोदी और नीतीश दोनों के साथ काम कर चुके हैं। अब देखना है कि अपनी रणनीति से वो इस बार क्या कमाल दिखाते हैं।