‘ब्रेक’ के बाद कांग्रेस के साथ फिर बढ रही प्रशांत किशोर की नजदीकियां, गुजरात चुनाव का बड़ा रोल

pk rahul gandhi

कहा जा रहा है कि पीके 2024 से पहले किसी भी प्रदेश के विधानसभा चुनाव प्रबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, पीके कांग्रेस में अब एक राजनेता के तौर पर पूर्णकालिक भूमिका की तलाश में है।

New Delhi, Mar 29 : चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और कांग्रेस की जुगलबंदी फिर से शुरु हो गई है, लेकिन इस साल के आखिर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों के बारे में नहीं है, पहले खबरें आई थी कि जब तक यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के चुनावी नतीजे नहीं आ जाते, कांग्रेस में पीके की एंट्री पर आलाकमान ने पॉज बटन दबा दिया है। लेकिन इन चुनावों के नतीजों ने कानाफूसी, सुगबुगाहट और डिरेल की कोशिश के बावजूद दोनों पक्षों को एक बार फिर बातचीत की मेज पर ला दिया है।

चुनावी रणनीति
कहा जा रहा है कि पीके 2024 से पहले किसी भी प्रदेश के विधानसभा चुनाव प्रबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, पीके कांग्रेस में अब एक राजनेता के तौर पर पूर्णकालिक भूमिका की तलाश में है, prashant kishore वो 2024 के लिये कांग्रेस को तैयार करना चाहते हैं, दरअसल पीके के राजनीतिक संपर्क पार्टी लाइन से परे है, ममता बनर्जी, शरद पवार, एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, के चंद्रशेखर राव, हेमंत सोरेन, जगन मोहन रेड्डी से उनकी नजदीकियां छुपी नहीं है।

गुजरात की बड़ी भूमिका
कहा जा रहा है कि गुजरात में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है, राहुल गांधी कोशिश कर रहे हैं कि पीके वहां चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाले, पिछले चुनाव में भी कांग्रेस प्रबंधन में फेल रही, Prashant-Kisho जिसकी वजह से जीतते-जीतते हार गये, बताया जा रहा है कि राहुल लगातार पीके से इस बारे में बात कर रहे हैं।

गुजरात से ही किया था शुरुआत
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर ने अपने चुनावी रणनीति के काम की शुरुआत गुजरात से ही किया था, उन्होने 2013 विधानसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के लिये कैम्पेन प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाली थी, prashant kishor (1) वो सीधे मोदी को रिपोर्ट करते थे, फिर 2014 लोकसभा चुनाव में भी मोदी के लिये काम किया, जहां से उन्हें जबरदस्त पॉपुलैरिटी मिली, इसके बाद पलटकर नहीं देखा, आगे बढते गये।