बिहार के बेहद साधारण परिवार से हैं अंडर-19 के कप्तान, पिता ने गरीबी की वजह से छोड़ दिया था गांव

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अंडर-19 टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ चाइनीज फूड के दीवाने हैं, बचपन से उन्हें आलू की भजिया बेहद पसंद है, जब कोई साथी खिलाड़ी उनसे भजिया मांगता था, तो वो सीधे मना कर देते थे।

New Delhi, Feb 04 : बीते दिन पृथ्वी शॉ के नेतृत्व में अंडर-19 टीम ने चौथी बार विश्वकप जीत इतिहास रच दिया, पूरा देश टीम इंडिया को बधाई दे रहा है, लेकिन क्या आपको पता है कि पृथ्वी कहां के रहने वाले हैं, आइये आज हम आपको उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में बताते हैं, पृथ्वी मुंबई नहीं बल्कि मूल रुप से बिहार के रहने वाले हैं, उनके पिता गरीबी से परेशान होकर गया के मानपुर से मुंबई आ गये थे, आज भी पृथ्वी के दादा अशोक गुप्ता की गया में कपड़ों की दुकान है। पृथ्वी के दादा ने बताया कि पंकज उनके इकलौते बेटे हैं, पोते उपलब्धि पर दादा बेहद खुश हैं।

दो महीने पहले पृथ्वी शॉ से मुलाकात
दादा अशोक गुप्ता ने बताया कि करीब दो महीने पहले वो सर्जरी करवाने के लिये मुंबई गये थे, तो उनका पोता पृथ्वी शॉ ने उनसे शिकायती लहजे में कहा था कि prithvi-shaw3वो अंडर-19 टीम का कप्तान बन गया, लेकिन उन्होने इस बात के लिये उन्हें बधाई तक नहीं दी। तब अशोक गुप्ता ने उनसे कहा था कि तुम विश्व कप जीत कर लाओ, मैं क्या तुम्हें पूरी दुनिया बधाई देगी।

4 साल की उम्र में मां को खोया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पृथ्वी शॉ जब सिर्फ 4 साल के थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया था, उन्होने सिर्फ 3 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था। Prithvi Shaw1015 साल की उम्र में हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में शॉ ने 546 रनों की रिकॉर्ड पारी खेली थी, इसी पारी के बाद वो पूरे देश में चर्चा में आए थे।

चाइनीज फूड के दीवाने हैं भारतीय कप्तान
अंडर-19 टीम के कप्तान पृथ्वी चाइनीज फूड के दीवाने हैं, बचपन से उन्हें आलू की भजिया बेहद पसंद है, जब कोई साथी खिलाड़ी उनसे भजिया मांगता था, Prithvi Shaw11तो वो सीधे मना कर देते थे, उनके बारे में कहा जाता है कि वो अपने कोच से भी भजिया शेयर नहीं करते थे, चाइनीज फूड के प्रति उनकी दीवानगी इतनी थी कि वो हर बैटिंग के बाद अपने कोच से चाइनीज या फिर सूप की डिमांड करते थे।

तीन साल की उम्र से सीख रहे क्रिकेट
पृथ्वी शॉ जब सिर्फ तीन साल के थे, तभी उनके पिता पंकज ने उनका एडमिशन संतोष पिंगुलकर की क्रिकेट अकादमी में करा दिया था, वो इतने छोटे थे कि अपना किट बैग तक उठा नहीं पाते थे, इसके बावजूद वो रोजाना प्रैक्टिस करने जाते थे और नेट पर अपनी उम्र से बड़े गेंदबाजों के पसीने निकाल देते थे।

संघर्षपूर्ण जीवन
अंडर-19 के कप्तान का बचपन बेहद संघर्षपूर्ण रहा है, जब उन्होने क्रिकेट खेलना शुरु किया था, तो उन्हें सुबह चार बजे उठना पड़ता था, उन्हें क्रिकेट एकेडमी जाने के लिये रोजाना साढे तीन घंटे ट्रैवल करना पड़ता था, हालांकि बाद में बेटे की परेशानी को देखते हुए उनके पिता ने क्रिकेट एकेडमी के पास ही शिफ्ट कर लिया था, ताकि उन्हें क्रिकेट एकेडमी जाने में ज्यादा परेशानी ना उठाना पड़े।

पिता तैयार करते थे नाश्ता
पृथ्वी शॉ के यहां तक पहुंचने में उनके साथ-साथ उनके पिता का भी भरपूर सहयोग है, जब पृथ्वी छोटे थे, तो उनके पिता सुबह उठकर उनके लिया नाश्ता तैयार करते थे, Prithvi Shaw12ताकि वो खा सके, इसके साथ ही अपने बेटे को आगे बढाने में उन्होने काफी कुछ त्याग किया है। बेटे की वजह से ही उन्होने उनके क्रिकेट एकेडमी के पास ही घर शिफ्ट कर लिया था, ताकि उन्हें ज्यादा परेशानी ना उठाना पड़े।

आईपीएल में भी खेलेंगे
पृथ्वी शॉ को भारत का भविष्य कहा जा रहा है, आईपीएल-11 में वो दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम से खेलते हुए नजर आएंगे। Prithvi shawआपको बता दें कि पृथ्वी को दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने 1.2 करोड़ की बोली लगाकर खरीदा है। आईपीएल ऑक्शन में पृथ्वी का बेस प्राइस बीस लाख रुपये थे, उन्हें कई टीम अपने साथ जोड़ना चाहती थी।

सचिन ने की तारीफ
18 वर्षीय बल्लेबाज की क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने भी तारीफ की, उन्होने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें बल्लेबाजी करते हुए देखना अद्भुत है, sachin-tendulkarवो शानदार बल्लेबाज हैं, आपको बता दें कि विश्व कप जीतने के बाद मास्टर-ब्लास्टर ने टीम इंडिया को ट्वीट कर जीत की बधाई दी है।