प्रिया दत्त और कांग्रेस हाईकमान के बीच बनने लगी हैं दूरियां, झटका देकर इस पार्टी में हो सकती हैं शामिल

प्रिया दत्त से मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम नाराज हैं, वो पूरी कोशिश में हैं, इस बार प्रिया का टिकट काटा जाए।

New Delhi, Oct 06 : इस बात की शुरुआत होती है, पिछले महीने 10 सितंबर को, कांग्रेस ने भारत बंद का ऐलान किया था। कांग्रेस नेता मुंबई में सड़कों पर उतरे थे, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम खुद अपने समर्थकों के साथ दुकानें बंद करवा रहे थे, लेकिन कांग्रेस की हाई प्रोफाइल नेता और पूर्व सांसद प्रिया दत्त शहर के एक बड़े मॉल में शॉपिंग कर रही थी। बात को ज्यादा तूल नहीं मिलती, लेकिन उनके विरोधियों ने उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। जिसके बाद बात दिल्ली तक पहुंची, महाराष्ट्र के नये प्रभारी मल्लिकार्जुन खडगे जब मुंबई पहुंचे, तो उनके सामने भी प्रिया की शिकायतों का पुलिंदा पेश किया गया।

सचिव पद से हटाया गया
प्रिया पद को 26 सितंबर को कांग्रेस ने सचिव पद से हटा दिया, हालांकि सुनील दत्त की बेटी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके पिता और इंदिरा गांधी की दोस्ती राहुल गांधी के दौर में आकर टूट जाएगी। प्रिया दत्त के एक करीबी ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें सचिव पद से हटाकर कुछ पाया नहीं बल्कि खोया ही है। उनके लिये सेक्रेटरी पद कभी मायने नहीं रखता था। वो अपने पिता, भाई और खुद के नाम से जानी जाती हैं। वो अपनी पुरानी सीट मुंबई उत्तर-मध्य से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं।

कांग्रेस काट सकती है टिकट
आपको बता दें कि माना जा रहा है कि प्रिया दत्त से मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम नाराज हैं, वो पूरी कोशिश में हैं, इस बार प्रिया का टिकट काटा जाए, हालांकि अगर प्रिया दत्त का टिकट काट यहां से कोई दूसरा उम्मीदवार उतारा जाता है, तो निश्चित रुप से प्रिया बगावत करेंगी, वो दूसरे दलों को दरवाजे खटखटाएगी। सूत्रों का दावा है कि शिवसेना उन्हें बिना शर्त टिकट देने के लिये तैयार है। सुनील दत्त साहब और बाला साहब ठाकरे के रिश्ते जगजाहिर हैं, बाल ठाकरे ने कई बार सुनील दत्त से शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था।

संजय निरुपम बनाम प्रिया दत्त
मुंबई कांग्रेस में तीन गुट सक्रिय हैं, पहला और सबसे ताकतवर गुट माना जाता है, संजय निरुपम का, जो सीधे राहुल गांधी से बात करते हैं, दूसरा गुट मिलिंद देवड़ा का, उनके पिता भी सोनिया गांधी के करीबी रहे हैं। तीसरा गुट प्रिया दत्त का है, जो सोनिया गांधी से बीच-बीच में बात करती रहती है। बताया जा रहा है कि संजय निरुपम खुद मुंबई उत्तर मध्य से चुनाव लड़ना चाहते हैं, वो सुनील दत्त के सामने भी चुनाव लड़कर हार चुके हैं, उस चुनाव में वो शिवसेना के टिकट पर मैदान में थे, उन्होने दत्त साहब के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी। जिससे सुनील बेहद आहत हुए थे, प्रिया आज तक उन शब्दों को भुला नहीं पाई है। इसी वजह से दोनों में ज्यादा नहीं बनती है। कहा जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर प्रिया दत्त बनाम संजय निरुपम हो सकता है।

शिवसेना में शामिल हो सकती है प्रिया दत्त
ठाकरे परिवार और दत्त परिवार की दोस्ती किसी से छुपी नहीं है। सुनील दत्त और बाल ठाकरे के बीच काफी अच्छी दोस्ती थी। दोनों के गुजर जाने के बाद भी ये दोस्ती अभी भी चल रही है, बताया जाता है कि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य और प्रिया दत्त के बीच काफी अच्छी दोस्ती है। ठाकरे परिवार उन्हें अपनी पार्टी में लाने की पूरी कोशिश कर रहा है। हालांकि प्रिया दत्त कांग्रेस के रुख का इंतजार कर रही है, वो जल्द ही शिवसेना में शामिल हो सकती हैं।