एससी-एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद, सवर्ण समाज बढा सकते हैं सरकार की मुश्किलें

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में एससी-एसटी संगठनों ने आंदोलन किया था, साथ ही चेतावनी दी कि अगर इस बदलाव नहीं किया गया, तो बड़ा आंदोलन करेंगे।

New Delhi, Sep 05 : मोदी सरकार की ओर से एससी-एसटी एक्ट में लाये गये संशोधन बिल के विरोध में सवर्ण समाज संघर्ष समिति ने 6 सितंबर को राजस्थान बंद की घोषणा की है। कमेटी ने मंगलवार को हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया है, समिति के इस फैसले का साधु-संत भी समर्थन दे रहे हैं, सवर्ण समाज संघर्ष समिति के सदस्य ने कहा कि केन्द्र सरकार जातियों को आपस में लड़वाना चाहती है, इसी वजह से वो ऐसा कर रही है, हम उनके इन मंसूबों को कभी पूरा नहीं होने देंगे।

कोर्ट ने सख्त प्रावधानों को किया था नरम
मालूम हो कि इसी साल मार्च में महाराष्ट्र के एक सरकारी अधिकारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था, माननीय कोर्ट ने एससी-एसटी के खिलाफ अत्याचार निवारण कानून के सख्त प्रावधानों को नरम कर दिया था। जिसके बाद देश भर में इसे लेकर कुछ संगठनों ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि इससे दलितों के खिलाफ अत्याचार बढेंगे।

कोर्ट ने क्या कहा था ?
आपको बता दें कि कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस एक्ट के तहत आरोपी की गिरफ्तारी शुरुआती जांच स्थानीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुमति के बाद ही होगी। यानी अगर कोई एससी-एसटी वर्ग का व्यक्ति किसी पर आरोप लगाता है, तो पुलिस अधिकारी पहले उसकी जांच करेंगे, उसके बाद मामले में कार्रवाई होगी। जबकि पहले इस मामले में गैरजमानती गिरफ्तारी का प्रावधान था।

सरकार ने कोर्ट के फैसले को बदल दिया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में एससी-एसटी संगठनों ने आंदोलन किया, साथ ही चेतावनी दी कि अगर इस बदलाव नहीं किया गया, तो बड़ा आंदोलन होगा, जिसके बाद केन्द्र सरकार मॉनसून सत्र में अध्यादेश लेकर आई, और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया। अब इसे फिर से पुराने स्वरुप में ही लागू कर दिया गया है। यानी अगर एससी-एसटी लोग किसी के खिलाफ मामला दर्ज करवाते हैं, तो सबसे पहले उसकी गिरफ्तारी होगी, फिर मामले की जांच होगी।

दलित खुश लेकिन सवर्ण कर रहे विरोध
सरकार के फैसले के बाद दलित संगठनों ने तो संतोष जाहिर किया था, लेकिन सवर्ण समाज ने इसका विरोध करना शुरु कर दिया है, दरअसल सवर्ण समाज का कहना है कि एससी-एसटी एक्ट का इस्तेमाल कुछ लोग झूठे केस में फंसाने या फिर ब्लैकमेलिंग के लिये करते हैं, अगर मामला सही है, जो वरिष्ठ अधिकारी के जांच के बाद सामने आ जाएगा, फिर मामले में कार्रवाई हो, यानी सवर्ण समाज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ है। सरकार के फैसले के विरोध में 6 सितंबर को राजस्थान बंद का ऐलान किया गया है।