शुक्रवार को पश्चिम बंगाल पुलिस ने सीरियल किलर उदयन दास को रायपुर की निचली अदालत में लेकर आई, पेशी के बाद वापस उसे पश्चिम बंगाल लेकर पुलिस चली गई।
New Delhi, Jan 13 : मां-बाप की हत्या कर उन्हें घर के ही आंगन में गाड़ने वाला सीरियल किलर उदयन दास को उम्मीद है कि वो हत्या के मामले में जल्द ही बरी हो जाएगा, वो अक्सर पुलिस वालों से कहता है कि जेल से निकलने के बाद वो बिजनेस करेगा और अपनी लाइफ को बदल देगा। कल उसे मां-बाप के हत्या के केस में कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने एक बार फिर से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। आपको बता दें कि उदयन दास फिलहाल पश्चिम बंगाल की जेल में है।
कोर्ट में पेशी
शुक्रवार को पश्चिम बंगाल पुलिस ने सीरियल किलर उदयन दास को रायपुर की निचली अदालत में लेकर आई, पेशी के बाद वापस उसे पश्चिम बंगाल लेकर पुलिस चली गई, सूत्रों का दावा है कि उदयन को भरोसा है कि वो जल्दी ही कोर्ट से बरी हो जाएगा। जेल से छूटने के बाद वो बिजनेस शुरु करेगा और फिर उसकी लाइफ में यू-टर्न आ जाएगा।
कॉल ट्रेस होने की वजह से सामने आया था असली चेहरा
पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के रहने वाले देवेंद्र कुमार शर्मा की बेटी आकांक्षा उर्फ श्वेता (28 साल) की साल 2007 में सोशल मीडिया के जरिये उदयन की दोस्ती हुई थी, जून 2016 में घर से नौकरी की बात कहकर आकांक्षा भोपाल आई थी, वहां वो उदयन के साथ ही रहने लगी, उसने घर वालों को बताया कि वो अमेरिका में नौकरी कर रही है। जुलाई 2016 के बाद आकांक्षा ने घर वालों से बात ही करना बंद कर दिया, जिसके बाद घर वाले परेशान होने लगे। उनके भाई ने जब नंबर ट्रेस करवाया, तो पता चला कि वो भोपाल में रह रही हैं। जिसके बाद घर वालों ने दिसंबर 2016 में उनके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
आकांक्षा के पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु की, करीब एक महीने की जांच के बाद पुलिस ने ब्वॉयफ्रेंड उदयन दास को गिरफ्तार कर लिया, तो पुलिस पूछताछ में इस शख्स ने ऐसे-ऐसे खुलासे किये, जिसे सुनकर पैरों के नीचे की जमीन खिसक जाएगी, उदयन ने बताया कि उसने आकांक्षा की हत्या कर दी ।
गर्लफ्रेंड की कब्र पर सोता था ये किलर
आकांक्षा फोन पर अक्सर एक दोस्त से बात करती थी, यही बात इस सीरियल किलर को नागवार गुजरी, 14 जुलाई 2016 की रात को दोनों के बीच जमकर बहस हुई, आकांक्षा ने उदयन को थप्पड़ जड़ दिया, इतना सबकुछ होने के बाद आकांक्षा सो गई, लेकिन उदयन जागता रहा और उसे मारने की प्लानिंग करता रहा। 15 जुलाई सुबह वो आकांक्षा के सीने पर बैठ गया, फिर तकिये से उसका मुंह तब तक दबाये रखा, जब तक उसकी सांसें नहीं थम गई। इसके बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ, तो उसने अपने हाथों से उसका गला घोंट दिया, वो कुछ दिनों तक डेड बॉडी के साथ ही रहा और उसके जिंदा होने का इंतजार करता रहा। जब बदबू फैलने लगी, तो फिर सीरियल किलर ने उसे एक पुराने बख्शे में डाल दिया, फिर करीब 14 बोरी सीमेंट उसमें डाल दिया, जिससे वो सीमेंट के चबूतरे में बदल गई, उदयन दास ने बताया कि शव को बॉक्स में दफनाने का आइडिया इंगलिश चैनल वॉकिंग डेथ देखकर आया था। शव को ठिकाने लगाने के बाद वो उसी चबूतरे पर गद्दा बिछाकर सोता था, साथ ही उस पर परफ्यूमि भी छिड़कता था।
मां-बाप की भी हत्या का आरोप
उदयन दास पर मां-बाप को भी मारने का आरोप है, साल 2010 में एक शाम करीब 6 बजे सीरियल किलर के पिता उदयन दास सामान लेने के लिये बाहर गये थे, उसी दौरान उनकी मां घर की पहली मंजिल पर अलमारी में कपड़े रख रही थी, तभी उसने मां की गला दबाकर हत्या कर दी थी, फिर जब पिता लौटे तो उन्होने पूछा कि उनकी पत्नी कहां है, तो उदयन ने उन्हें बताया कि वो ऊपर काम कर रही हैं, मैं आपके लिये चाय ला रहा हूं, फिर उसने उन्हें चाय में नींद की दवा दे दी, जिससे वो बेहोश हो गये, बेहोशी की हालत में ही उदयन ने उनका गला दबा दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।
हत्या के बाद दफनाया
उदयन दास ने मां-बाप की हत्या करने के बाद एक मजदूर को अपने घर बुलाया और उसे सेप्टिक टैंक बनवाने के नाम पर करीब 8 फीट गहरा गड्ढा खुदवाया, फिर रात करीब 11 बजे वो अपने माता-पिता की लाश को घसीटते हुए वहां तक ले गया और गड्ढे में डालकर मिट्टी भर दिया। फिर कुछ दिन बाद उसने इस मकान को बेच दिया था।
क्यों की हत्या ?
पुलिस पूछताछ में सीरियल किलर ने बताया कि उसे मां बहुत परेशान करती थी, वो उसे पैसे नहीं देती थी, जिससे वो अपने शौक पूरे कर सके। आपको बता दें कि उदयन के पिता बीके दास भेल में फोरमैन थे, तो उनकी मां विध्यांचल भवन में एनालिस्ट की पद से रिटायर हुई थी, उनकी मां को पेंशन के रुप में लगभग तीस हजार रुपये मिलते थे। वो मां-बाप से पैसे लेकर ऐश करना चाहता था, लेकिन जब वो पैसे देने से मना करने लगी, तो उन्हें मारने का प्लान बना लिया।
मां-बाप को मार कर किया ये सब
अपने मां-बाप को मारने के बाद उदयन ने रायपुर स्थित अपना मकान बेच दिया, रिटायरमेंट और मकान से करीब उसे पौने दो करोड़ रुपये मिले, इन पैसों से उसने एक ऑडी और होंडा सिटी सिविक का टॉप मॉडल खरीदा, साथ ही घर पर सोनी का सवा लाख रुपये का होम थिएटर लगवाया। मां-बाप के मौत के बाद भी वो उनका पेंशन निकाल रहा था, जब भी बैंककर्मी उनसे सवाल करते, तो वो टाल देता था।