समाजवाद बबुआ चच्चा से आई

बच रै नेताजी। उनको आफर डबल है। दोनों हाथ में लड्डू। चाहे बेटे के साथ हो लें या भाई के साथ।

New Delhi, Sep 20 : च्चा ने कहा दिया है यलगार हो। भतीजे ने कहा बिल्कुल हो जाओ करो यलगार देखें बुढ़ौती में कितना ज़ोर बचा है। च्चा कहाँ कहाँ नहीं घूमे, किस किस से नहीं कहा। इस कोने से उस कोने तक। भतीजे के बाप तक से कहा पर क्या करें जब भाग्य स्थान में ससुर राहु आकर बैठ गया हो।

अब जाकर च्चा ने ऐलान कर दिया है। जला क राख कर दूंगा। भतीजा बदमाश है। कोने कोने घूम कर महागठबंधन के फेर में पड़ा है पर च्चा को चवन्नी का भी भाव नहीं दे रहा। च्चा को किसी ने एक कार्जकर्ता से कहते सुना। “कल हमने देखा लोहिया जी की तस्वीर। देखा तो टप टप आंसू चू रहा था।

बहुत दुखी थे बेचारे। रात में सपने में आये बोले, “तुम मन न छोटा करो समाजवाद की अलख जगाओ। तेल हमसे ले लेना। चिंता न करो। समाजवाद चच्चा से आएगा।”
और इसके बाद च्चा ने घोषणा कर दी। समाजवादी सेक्युलर मोर्चा। भतीजा बुआ के फेर में, च्चा अपनी नई पारी के।

बच रै नेताजी। उनको आफर डबल है। दोनों हाथ में लड्डू। चाहे बेटे के साथ हो लें या भाई के साथ।
पर नेता जी जाएंगे कैसे समाजवादी साईकल तो अकलैस ने दफ्तर में टांग रखी है।

(वरिष्ठ पत्रकार राकेश पाठक के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)