निर्दलीय विधायक राजा भैया बीजेपी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं, लेकिन इस बार उन्हें योगी कैबिनेट में जगह नहीं दी गई।
New Delhi, Oct 04 : यूपी के पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने नई पार्टी बनाने की तैयारी कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजा भेया नवरात्र के दौरान अपनी पार्टी का ऐलान कर सकते हैं, कहा जा रहा है कि एससी-एसटी एक्ट पर आये अध्यादेश के बाद सवर्णों को लामबंद करने में राजा भैया लगे हुए हैं, इसी कड़ी में उन्होने अपनी अलग पार्टी बनाने का फैसला लिया है।
अखिलेश से अच्छे नहीं रहे रिश्ते
आपको बता दें कि राजा भैया भले अखिलेश सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रहे हों, लेकिन कभी उनके अखिलेश यादव से रिश्ते अच्छे नहीं रहे, राज्यसभा चुनाव के समय भी उन्होने बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन किया था। जिससे सपा समर्थित बसपा उम्मीदवार की हार हो गई थी। आपको बता दें कि राजा भैया भले निर्दलीय जीतते हों, लेकिन उन्हें सपा का समर्थन रहता था, लेकिन जब से पार्टी की कमान अखिलेश ने संभाली है, तब से उन्होने उनसे दूरी बना ली है।
बीजेपी सरकार में भी रह चुके हैं मंत्री
निर्दलीय विधायक राजा भैया बीजेपी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं, लेकिन इस बार उन्हें योगी कैबिनेट में जगह नहीं दी गई। कहा जाता है कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और सीएम योगी की उन्होने लाज बचाई थी। उन्होने बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में वोट किया था, इसके बावजूद वो खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। उन्हें जितनी तरजीह मिलनी चाहिये थे, उतनी नहीं मिल रही थी।
8 बार से लगातार विधायक
राजा भैया पिछले साल आठवीं बार विधायक चुने गये हैं, वो साल 1993 से लगातार कुंडा से निर्दलीय विधायक के तौर पर जीतते आ रहे हैं। प्रतापगढ और उसके आस-पास के जिलों में उनका सियासी दबदबा है, इस इलाकों में राजपूतों की अच्छी आबादी है। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी के बाद इस समुदाय में राजा भैया की अच्छी पकड़ है, कहा जा रहा है कि अलग पार्टी बनाने से बीजेपी को नुकसान होगा, क्योंकि राजपूत समाज बीजेपी का वोटर माना जाता है।
लोगों से पूछ रहे सवाल
अलग राजनीतिक दल बनाने से पहले राजा भैया ने प्रतापगढ और आस-पास के जिलों में पोस्टर लगवा कर लोगों से सवाल पूछा है, कि क्या उन्हें अलग राजनीतिक पार्टी बनानी चाहिये, अब तक उनके समर्थकों का सकारात्मक जवाब रहा है, जिसके बाद कहा जा रहा है कि नवरात्र में वो नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं, इसके साथ ही 30 नवंबर को लखनऊ में शक्ति प्रदर्शन भी करने वाले हैं।
मायावती से छत्तीस का आंकड़ा
राजा भैया और मायावती के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है, साल 2002 में जब प्रदेश में मायावती की सरकार थी, तो विधायक पूरन सिंह बुंदेला को धमकी देने के आरोप में उन्हें जेल जाना पड़ा था, बाद में उन पर पोटा लगा दिया गया था, फिर 2003 में जब मुलायम सिंह यादव की सरकार बनी, तो उनके ऊपर से पोटा हटवा दिया गया, और मुलायम सरकार में मंत्री भी बने। 2007 से 2012 तक मायावती सरकार के कार्यकाल में भी उन्हें खूब परेशान किया गया था।