राजस्‍थान से बड़ी खबर, 2023 में वसुंधरा नहीं होंगी CM चेहरा! बीजेपी का मेगा प्‍लान तैयार

राजस्थान में 2023 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी बड़े खेल की तैयारी में है । सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक वसुंधरा राजे को लेकर पार्टी का बड़ा प्‍लान है ।

New Delhi, Apr 01: राजस्थान में अगले साल चुनाव होने हैं, जिसे लेकर जमीन तैयार होनी शुरू हो गई है । राज्‍य में कांग्रेस सत्‍ता में है और बीजेपी की इस बार पुरजोर कोशिश है कि इस राज्‍य में भी कमल का फूल ही खिले । बहरहाल खबर आ रही है कि सूबे में भाजपा किसी नए चेहरे को सामने ला सकती है । यानी पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे सिंधिया को लेकर इस बार चुनाव मैदान में उतरने का मूड नहीं है । बीजेपी इससे बड़ा गेम प्‍लान कर रही है ।

वसुंधरा नहीं होंगी सीएम चेहरा!
सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी वसुंधरा राजे को केंद्र सरकार में शामिल करने पर विचार कर रही है, जिससे राज्य में नए नेतृत्व की राह खुल सके। सूत्रों के हवाले से ये भी कहा जा रहा है कि हाल ही में राजे की दिल्ली यात्रा इसी को लेकर थी । दरअसल, राजस्‍थान में बीजेपी, मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक मजबूत टीम खड़ी करने की तैयारी में है । इसके लिए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा प्रदेश नेतृत्व को पूरी तरह से बदलना चाहती है।

बिना सीएम चेहरे के लड़ सकते हैं चुनाव
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता की ओर से कहा गया है कि पार्टी ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों में बिना किसी मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने आगे कहा कि अगले साल होने वाला चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आगे कहा, ‘अगर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया जाता है, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वसुंधरा को सीएम बनाया जाएगा। ऐसे मौके पर वह सिर्फ यह कर सकती हैं कि केन्द्र में उन्हें जो भी जगह मिले, उसे स्वीकार करें और अपने बेटे का राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करें। पार्टी को यह भी लगता है कि राजे को केंद्र में भेज देने से पार्टी राज्य के नेताओं की अंतर्कलह पर लगाम लगाकर कांग्रेस को हराने पर ध्यान केन्द्रित कर पाएगी।

पूर्वी राजस्थान पर फोकस
गोरतलब है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो अप्रैल यानी कल शनिवार को एसटी मोर्चा द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लेने सवाई माधोपुर में होंगे । बीजेपी का पूरा ध्‍यान पूर्वी राजस्थान और उसके क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रखने वाले आदिवासी वोटर्स पर है । आपको बता दें, राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें हैं । 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 100 सीटें जीती थीं। भाजपा ने जब इस हार की वजह पर काम किया तो राज्य में नेतृत्व बीते चुनाव में बड़ा मुद्दा नजर आया, यह भी एक कारण था कि पार्टी वहां चुनाव हार गई। इस बार पार्टी वही गलती दोहराने के मूड में नहीं है ।

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