सिर्फ एक मुद्दा कम हुआ है, राकेश टिकैत ने छेड़ा नया राग, पूछा 750 किसानों की शहादत का जिम्मेदार कौन?

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महिला पत्रकार ने राकेश टिकैत से सवाल किया, कि पहले आप कहते थे कि बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं, लेकिन अब तो पीएम ने मीडिया में आकर बिल वापसी की बात कही है।

New Delhi, Nov 21 : बीते शुक्रवार को पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया था, साथ ही उन्होने एमएसपी समेत दूसरे मुद्दों पर एक कमेटी बनाने का भी आश्वासन दिया था, पीएम के ऐलान के बावजूद किसान संगठनों ने तत्काल आंदोलन वापस लेने से इंकार कर दिया है, किसान आंदोलन की वापसी को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सिर्फ एक मुद्दा कम हुआ है, बाकी सभी शेष है, साथ ही उन्होने पेनाल्टी सिस्टम का जिक्र करते हुए कहा कि 750 किसान शहीद हुए, उनकी जिम्मेदारी कौन लेगा।

चैनल पर सवाल
आजतक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत से पूछा गया कि अभी भी बॉर्डर खाली नहीं हुआ है, तो उन्होने कहा कि बॉर्डर खाली करने की बात नहीं हुई है, किसान एक साल से यहां आंदोलनरत हैं, 750 किसानों की शहादत हुई है, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।

अंजना का सवाल
इस पर महिला पत्रकार ने राकेश टिकैत से सवाल किया, कि पहले आप कहते थे कि बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं, लेकिन अब तो पीएम ने मीडिया में आकर बिल वापसी की बात कही है, इस पर किसान नेता ने कहा, जो एक साल तक लोग यहां रहे, Modi Rakesh Tikait उनकी शहादतें हुई, मुकदमे दर्ज हुए, साथ ही पेनाल्टी सिस्टम का जिक्र करते हुए कहा कि एक साल का जो भी घटनाक्रम हुआ, जितने दिन भी लेट हुए, उसका हिसाब बराबर होने पर ही वापस जाएंगे।

लखनऊ में महापंचायत
इसके अलावा राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि मैं लखनऊ जा रहा हूं, 22 तारीख को लखनऊ में महापंचायत है, कृषि कानून वापस हुए हैं, हमारे सभी मुद्दों में से सिर्फ एक कम हुआ है, बाकी अभी बचे हैं, किसानों पर दर्ज मुकदमे और जिन किसानों की मौत हुई है, ये मुद्दे भी हैं। आपको बता दें कि शनिवार को किसान संगठनों के बीच हुई मीटिंग में ये फैसला लिया गया था कि पहले से निर्धारित कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं होगा, किसान संगठनों ने कहा कि 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली रैली और 29 नवंबर को होने वाले संसद मार्च में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा।