‘अगर ऐसा होता है तो हर ब्रजेश ठाकुर मुस्कुराता हुआ जेल जाएगा और फिर ठहाके मारता बाहर आएगा’

ये आदमी जिसका नाम ब्रजेश ठाकुर है, जिसकी फोटो देखकर बच्ची दहल गई, वह नेताओं का पिठ्ठू रहा।

New Delhi, Jul 31 : बिहार के मुजफ्फरपुर में जिन बच्चियों ने हैवानियत झेली, उनमें से एक बच्ची से पूछताछ का वीडियो आज देखा. बोल नहीं सकती तो इशारे से बता रही है. पूछनेवाली महिला पुलिस के हाथ में मोबाइल है औऱ उसकी स्क्रीन पर ब्रजेश ठाकुर की फोटो है. पूछ रही है – ये कौन है, तो उसकी हकलाहट भी लड़खड़ा जाती है.

क्या करता था? इशारे से बताती है- बहुत मारता था. साथ वाली बच्ची इशारे को समझकर पुलिसवाली को बता रही है. सिर्फ बातचीत ही उसके अंदर हाड़ तक बैठे डर की गवाही देती है. ये आदमी जिसका नाम ब्रजेश ठाकुर है, जिसकी फोटो देखकर बच्ची दहल गई, वह नेताओं का पिठ्ठू रहा, सरकार से अनुदान लेता रहा और बच्चियों के कल्याण गृह के नाम पर अपनी हैवानियत का अड्डा चलाता रहा.

नीतीश सरकार के गुडबुक में रहनेवाला ब्रजेश लोकल लेवल पर ऐसा नेक्सस तैयार किए हुए था कि उसके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा पा रहा था. अंदाजा आप इस बात से लगाइए कि उसका सारा कुकर्म आसपास के लोगों को पता था और वे चुप थे.

42 में से 34 बचिच्यों के रेप की पुष्टि हो चुकी है, मामला सीबीआई के पास है लेकिन ऐसे अधम लोगों को पता होता है कि समय थोड़ा निकल जाए तो दुनिया फिर अपनी राह चल लेगी और वे हाथ झाड़कर फिर निकल पड़ेंगे.अगर ऐसा होता है तो हर ब्रजेश ठाकुर मुस्कुराता हुआ जेल जाएगा और फिर ठहाके मारता बाहर आएगा. ये बिहार की व्यवस्था ही नहीं, बिहार के लोगों के लिए भी चुनौती है. ऐसा कैसे हो सकता है कि एक आदमी अत्याचार और आतंक का राज चला रहा है और लोग इसलिए आंख पर पट्टी बांधे, कान में तेल डाले हुए हैं कि कभी तो पाप का घड़ा भरेगा. ऐसा सोचना ही ब्रजेश ठाकुरों को शह देना है. जुटिए, पकड़िए और निपटाइए. कानून का इंतजार करते करते 34 बच्चियों का जीवन तो बर्बाद हो ही गया ना?

(India News के प्रबंध संपादक राणा यशवंत के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)