नीतीश कुमार के लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने किया सबसे बड़ा दावा, बिहार की सियासत में भूकंप आना तय

सीटों के समझौते पर केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वो बस इतना जानना चाहते हैं कि जब बिहार में एनडीए की सरकार बनी, तो उनकी पार्टी को हिस्सेदारी से वंचित क्यों किया गया।

New Delhi, Nov 01 : बिहार में इन दिनों एनडीए सीट बंटवारे का मसला छाया हुआ है, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ऐलान कर दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी-जदयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी, साथ ही रालोसपा और लोजपा को भी सम्मानजनक सीटें दी जाएगी, सीटों के संख्या का ऐलान आगामी तीन-चार दिनों में कर दिया जाएगा। अमित शाह के इस ऐलान के बाद से रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा लगातार दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं, अब उन्होने ऐसा बयान दिया है, जिससे बिहार में सियासी भूकंप आ गया है।

कुशवाहा ने क्या कहा ?
कभी नीतीश कुमार की उंगली पकड़ राजनीति का ककहरा सीखने वाले उपेन्द्र कुशवाहा ने इशारों में कहा कि नीतीश अब सत्ता के ढलान पर हैं, उन्होने दावा करते हुए कहा कि सुशासन बाबू की सत्ता से इच्छा पूरी हो चुकी है, अब वो मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, उन्होने दावा करते हुए कहा कि नीतीश ने खुद उनसे कहा था कि 15 साल सीएम रह लिया, अब और कितने दिन रहेंगे, ये स्थान खाली होने वाला है।

नीतीश की इच्छा पूरी हो चुकी
उपेन्द्र कुशवाहा ने बुधवार को पटना में अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि नीतीश के मन की इच्छा पूरी हो चुकी है, सत्ता से उनका मन तृप्त हो चुका है, किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के खिलाफ कुर्सी पर नहीं रखा जा सकता, कुशवाहा ने कहा कि जनता ने जनादेश नीतीश कुमार को दिया है, हालांकि इसके साथ ही रालोसपा प्रमुख ने ये भी कहा कि उनके बातों का गलत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिये, कि वो नीतीश का इस्तीफा मांग रहे हैं।

जदयू प्रवक्ताओं को चेतावनी
सरदार पटेल की जयंती के मौके पर पार्टी के युवा विंग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कुशवाहा ने कहा कि जितने अच्छे से वो नीतीश को जानते हैं, उतने ही अच्छे से नीतीश भी उन्हें जानते हैं, वो मेरे बड़े भाई हैं। उन्होने जदयू के प्रवक्ताओं को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बीच में मत बोलिये, नहीं तो खतरे में पड़ जाएंगे, इस कार्यक्रम में कुशवाहा ने कहा कि बिहार में जनादेश एनडीए को नहीं मिला था।

बिहार में सत्ता में भागीदारी
सीटों के समझौते पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वो बस इतना जानना चाहते हैं कि जब बिहार में एनडीए की सरकार बनी, तो उनकी पार्टी को हिस्सेदारी से वंचित क्यों किया गया। कुशवाहा ने कहा कि वो कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं, लेकिन किसी ना किसी को बताना होगा, कि आखिर उनकी पार्टी को सत्ता से दूर क्यों रखा गया। उपेन्द्र कुशवाहा के रुख से साफ है कि अगर लोकसभा चुनाव में उनकी सीटों में कटौती की जाती है, तो फिर बिहार सरकार में उन्हें भागीदारी चाहिये।