महागठबंधन से पहले मोर्चा आगे कर शिवपाल यादव ने खेला दांव, अमर सिंह का तीर निशाने पर लगा

अखिलेश का बयान दिखाता है कि अमर सिंह ने शिवपाल यादव पर जो दांव खेला था, वो एकदम निशाने पर लगा है।

New Delhi, Sep 07 : यूपी में सपा कुनबे में फिर से एक बार अलगाव का धुंआ दिखने लगा है, लोकसभा चुनाव से पहले उठ रहा धुंआ विधानसभा चुनाव से पहले उठी चिंगारियों की पुनरावृत्ति भी है। 2017 विधानसभा चुनाव से पहले सपा में जो सिरफुटौव्वल शुरु हुआ था, उसमें आखिर तक ये तय नहीं हो पाया था, कि झगड़ा किस ओर जा रहा है, कभी लगता था कि झगड़े की जड़ चाचा-भतीजे के बीच में कड़ी है, जिंदाबाद-मुर्दाबाद और सड़कों पर नारेबाजी के बीच एक मौके पर तो सार्वजनिक मंच पर चाचा -भतीजे के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई थी। ये झगड़ा घर और पार्टी ऑफिस से बाहर निकल चुनाव आयोग तक पहुंचा, लेकिन चुनावी नतीजों ने सबको हैसियत बता दी, जिसके बाद इस युद्ध पर खुद ब खुद विराम लग गया, लेकिन अब एक बार फिर से इसमें चिंगारी सुलगने लगी है।

शिकायत का सिलसिला
पिछले कुछ दिनों से अमर सिंह की सक्रियता के बाद सपा में चिंगारी दिखने लगी है। सबसे पहले पुराने सपा नेता भगवती सिंह के जन्मदिन के मौके पर मुलायम सिंह यादव की रुलाई दिखी, उन्होने कहा कि अब मेरा कोई सम्मान नहीं करता, शायद मरने के बाद करें, नेताजी की इस पीड़ा की आह दूर तक पहुंची, अगले ही दिन अंकल अमर सिंह ने लखनऊ में कहा समाजवादी को नमाजवादी पार्टी कहा, साथ ही पूर्व सीएम से शिकायत की, कि उनकी बेटी को वो बहन की तरह मानते हैं, उस पर आजम खान ने तेजाब फेंकने की बात कही है, साथ ही उन्होने ये भी कहा कि पिता-पुत्र की चुप्पी दर्शाती है कि वो कितनी सतही स्तर पर राजनीति कर रहे हैं।

शिवपाल ने मोर्चा बनाने का ऐलान किया
अमर सिंह के बाद बारी शिवपाल यादव की थी, उन्होने मुलायम सिंह यादव के साथ लोहिया ट्रस्ट में लंबी बैठक की, जिसके बाद 30 अगस्त (अगले दिन) को समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने का ऐलान कर दिया। शिवपाल यादव ने कहा कि सपा में अपनी उपेक्षा होने से मैं बहुत आहत हूं, नेताजी भी कह चुके हैं, कि उन्हें सम्मान नहीं दिया जाता, उनकी उपेक्षा हो रही है। मोर्चा बनाकर नेताजी को सम्मान दिलाएंगे, मैं खुद उनका बहुत सम्मान करता हूं, और उनसे भी सम्मान देने का आग्रह करुंगा, जो अभी उनकी उपेक्षा कर रहे हैं।

80 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
मोर्चा ऐलान करने के बाद शिवपाल यादव ने कहा कि वो समाजवादी पार्टी से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं, लेकिन दो दिन बाद ही उन्होने फिर ऐलान कर दिया, कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा छोटे दलों के साथ गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। प्रदेश की सभी 80 सीटों पर उनके उम्मीदवार होंगे। शिवपाल यादव के इस ऐलान के बाद ये तय होगा, कि इससे महागठबंधन को नुकसान होगा, क्योंकि इटावा, फिरोजाबाद में शिवपाल की अच्छी पकड़ है, साथ ही इस मोर्चे के जरिये वो समाजवादी पार्टी में सेंध लगा देंगे।

निशाने पर लगा तीर
शिवपाल यादव के बयान और मोर्चे की घोषणा के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव सामने आये, उन्होने कहा कि नाराज तो मैं भी हूं, लेकिन मैं कहां जाऊं, अखिलेश यादव के इस बयान से समाजवादी पार्टी और मुलायम कुनबे की आंतरिक स्थितियों को काफी हद कर साफ कर देती है, साथ ही अखिलेश का बयान ये भी दिखाता है कि अमर सिंह ने शिवपाल यादव पर जो दांव खेला था, वो एकदम निशाने पर लगा है।