राहुल गांधी नरेन्द्र मोदी से गले मिल सकते हैं, लेकिन केजरीवाल से समर्थन नहीं मांग सकते

संजय सिंह का इशारा साफ था, कि राहुल गांधी विपक्षी एकता की राह में रोड़ा हैं, उन्हें जितना सक्रिय होना चाहिये, वो उतने सक्रिय नहीं दिखते हैं।

New Delhi, Aug 10 : आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को हुए राज्यसभा के उपसभापति पद के उम्मीदवार के चुनाव का बहिष्कार किया था, आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को खुद नीतीश कुमार ने फोन किया था और उनके प्रत्याशी हरिवंश नारायण सिंह के पक्ष में वोट करने की अपील की थी, लेकिन आप संयोजक ने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया था, क्योंकि उन्हें बीजेपी का समर्थन प्राप्त है, आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा में तीन सदस्य हैं।

राहुल गांधी ने नहीं मांगा समर्थन
संजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि चूंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्ष के उम्मीदवार बी के हरिप्रसाद के लिये आप से समर्थन ही नहीं मांगा, ऐसे में उनकी पार्टी के पास उपसभापति के पद के लिये होने वाले चुनाव का बहिष्कार करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा था। आपको बता दें कि कर्नाटक से कांग्रेस सांसद बी के हरिप्रसाद उपसभापति पद के लिये विपक्ष के उम्मीदवार थे।

अगर वोट मांगा जाता, तो विचार करते
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस उनसे वोट मांगती, तो वो विचार करते, वोट दे भी देते, लेकिन अगर उन्हें हमारे वोट की जरुरत नहीं है, तो उनके पक्ष में वोट देने का कोई मतलब नहीं है। दरअसल संजय सिंह का इशारा साफ था, कि राहुल गांधी विपक्षी एकता की राह में रोड़ा हैं, उन्हें जितना सक्रिय होना चाहिये, वो उतने सक्रिय नहीं दिखते हैं।

राहुल गांधी पर कटाक्ष
संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी नरेन्द्र मोदी को गले लगा सकते हैं, तो वो अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिये अरविंद केजरीवाल को फोन कर समर्थन भी मांग सकते हैं, अगर नहीं मांग सकते, तो हम जबरदस्ती उन्हें समर्थन नहीं देंगे। आपको बता दें कि एनडीए प्रत्याशी हरिवंश को 125 वोट मिले थे, तो यूपीए कैंडिडेट बी के हरि प्रसाद को 105 वोट मिले।

नीतीश-केजरीवाल में खटास
मालूम हो कि 2015 में नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल ने एक-दूसरे के प्रदेश में जाकर एक-दूसरे के लिये वोट मांगा था, लेकिन फिर परिस्थिति बदल गई, नीतीश कुमार एनडीए में वापस चले गये, जिसके बाद दोनों के संबंधों में खटास आ गई। पिछले कुछ दिनों से दोनों एक-दूसरे पर कटाक्ष करने का भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं, ये दोनों के रिश्तों की तल्खी ही है कि केजरीवाल ने नीतीश सरकार के खिलाफ हुए जंतर-मंतर पर प्रदर्शन में खुद भी शामिल हुए थे और लोगों से अपील की थी, कि वो इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनें।