BJP में जा रहे हैं शिवपाल यादव! जानें किस फॉर्मूले पर चल रही बात क्‍या-क्‍या मिलेगा?

Shivpl Yogi

यूपी की राजनीति में शिवपाल यादव अब क्‍या करेंगे ये जानने को सब बेचैन हैं, उनके बीजेपी में जाने की खबरें तो हड़कंप मचा रही हैं ।

New Delhi, Mar 31: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संस्थापक शिवपाल यादव अब क्‍या करने वाले हैं, इसे लेकर पूरे प्रदेश की निगाहें उन पर टिकी हुई हैं । चुनाव के नतीजों के बाद से शिवपाल भतीजे और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं । अब खबर आ रही है कि शिवपाल भारतीय जनता पार्टी संगे जा सकते हैं । बुधवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिवपाल का बीजेपी में जाना लगभग तय माना जा रहा है । ऐसी खबर है कि पिछले दिनों दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से भी शिवपाल की मुलाकात हो चुकी है।

शिवपाल ने चौंकाया
ये कहना गलत नहीं होगा कि प्रसपा प्रमुख और जसवंतनगर के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भतीजे अखिलेश यादव से नाराजगी के बीच बुधवार की रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने उनके सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर पहुंचकर सभी को चौंका दिया। इन दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत हुई। शिवपाल के वहां से निकलने के तुरंत बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह योगी आवास पहुंचे। तेजी से बदले इस घटनाक्रम के बाद प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है।

बेटे को सेट करने की है तैयारी
हालांकि ये स्‍पष्‍ट नहीं हो पा रहा है कि वह भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले में है या अपनी पार्टी को एनडीए का हिस्सा बनाएंगे । सूत्रों के मुताबिक ज्‍यादा संभावना उनके बीजेपी में शामिल होने की है । दरअसल भाजपा उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाने का प्रस्ताव दे रही है । वहीं जसवंतनगर की खाली होने वाली सीट पर शिवपाल के बेटे आदित्य यादव को चुनाव लड़ाया जा सकता है । शिवपाल विधानसभा चुनाव में भी बेटे के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन अखिलेश ने मना कर दिया । जाहिर है वह अपने बेटे के भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं। ऐसे में भाजपा ज्‍वॉइन कर उनकी यह चिंता दूर हो सकती है।

आजमगढ़ का भी है ऑप्‍शन
राजनीति के जानकार मानते हैं कि बीजेपी शिवपाल यादव को आजमगढ़ सीट से भी चुनाव मैदान में उतार सकती है । अखिलेश यादव की ओर से आजमगढ़ सीट खाली किए जाने के बाद इस पर छह महीने के भीतर उपचुनाव होना है। ऐसे में बीजेपी शिवपाल को इस सीट से उतार सकती है। यह सीट सपा के लिए सुरक्षित मानी जाती है। लेकिन सपा के दिग्‍गज नेता रहे होने के कारण शिवपाल इस क्षेत्र में जीत दर्ज कर बीजेपी के हक में सीट कर सकते हैं ।
क्‍यो हैं नाराज?
शिवपाल सिंह यादव ने जिस पार्टी को सींचा पिछले कुछ सालों से उसी ने उन्‍हें परा कर दिया । जब तक मुलायम रहे उनकी हेसियत नंबर दो नेता की रही, लेकिन जब से पार्टी की कमान अखिलेया यादव ने संभाली है तब से यिावपाल सपा में दरकिनार ही महसूस करते रहे । अपनी खुद का दल भी बना लिया । लेकिन चुनाव से पहले सपा के साथ मैदान में उतरने का फैसला भी उनके काम नहीं आया । अब ऐसे में क्‍या वो बीजेपी में शामिल होंगे ये बहुत जल्‍द स्‍पष्‍ट हो ही जाएगा ।

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