अखिलेश के MY समीकरण को बिगाड़ेंगे शिवपाल यादव, प्लान बी पर काम कर रहे अमर सिंह

मुलायम सिंह यादव के सपा अध्यक्ष रहते हुए पार्टी की सारी जिम्मेदारी शिवपाल यादव संभालते थे, जिसकी वजह से उनकी कार्यकर्ताओं में अच्छी पैठ है।

New Delhi, Sep 14 : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुस्लिम यादव (माई समीकरण) के दम पर बसपा से हाथ मिलाकर 2019 मिें मोदी को मात देने का ख्वाब संजोया है, लेकिन उनकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा उनके चाचा शिवपाल यादव ही हैं, सपा से नाता तोड़ समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने के बाद से चाचा माई समीकरण में सेंधमारी करने में जुटे हुए हैं। मालूम हो कि यूपी में 20 फीसदी मुस्लिम और 12 फीसदी यादव वोटर हैं, इसे सपा का आधार वोट बैंक माना जाता है, इन्हीं दोनों के दम पर मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश तक सत्ता के सिंहासन तक पहुंच पाए, अब इसी वोट बैंक पर शिवपाल यादव की नजर है।

रुठे नेताओं का ठिकाना
शिवपाल यादव की नई पार्टी रुठे नेताओं का नया ठिकाना बनता जा रहा है, इसमें भी खासकर यादव और मुस्लिम नेताओं को पूर्व मंत्री चुन-चुनकर जोड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष रहे फरहत मियां भी सेकुलर मोर्चे से जुड़ गये हैं। इसके अलावा पूर्व सांसद राम सिंग, इटावा से दो बाक सांसद रहे रघुराज शाक्य, डुमारियागंज से 5 बार विधायक रहे यूसूफ मलिक भी शिवपाल के मोर्चे में शामिल हो गये हैं। इसके साथ कई और नेता तथा कार्यकर्ता अखिलेश से नाराज होकर शिवपाल के साथ जुड़ गये हैं।

मुस्लिम-यादव को खास जगह
शिवपाल यादव ने अपने 9 प्रवक्ताओं की सूची में 3 मुस्लिम और 2 यादव नेता को जगह दी है, इतना ही नहीं अखिलेश सरकार में मंत्री रहे शारदा प्रताप शुक्ला और शादाब फातिमा भी शिवपाल के साथ शामिल हो गये हैं। पूर्व मंत्री के मोर्चे की स्वरुप कैसी होगी, उसकी तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगी है। मौजूदा राजनीतिक मिजाज को समझते हुएअ उन्होने मुस्लिम मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने का फैसला लिया है।

शिवपाल की कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़
मालूम हो कि मुलायम सिंह यादव के सपा अध्यक्ष रहते हुए पार्टी की सारी जिम्मेदारी शिवपाल यादव संभालते थे, जिसकी वजह से उनकी कार्यकर्ताओं में अच्छी पैठ है। इसी का नतीजा है कि सपा छोड़ने के बाद वो लगातार यूपी के अलग-अलग हिस्सों के दौरे कर रहे हैं। यूपी की सियासत की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि शिवपाल अभी प्लान ए पर काम कर रहे हैं, अभी मोटे तौर पर पार्टी को खड़ी कर रहे है, ताकि प्रदेश के हर जिले, हर लोकसभा और विधानसभा में उनके मोर्चे का झंडा उठाने वाले लोग हों। इसके बाद अभी प्लान बी बाकी है।

अमर सिंह -जया प्रदा की एंट्री
शुरुआत से ही कहा जा रहा है कि शिवपाल यादव के अलग पार्टी बनाने में अमर सिंह का बड़ा रोल है, हालांकि दोनों इस बात से इंकार करते हैं, अमर सिंह ने कुछ दिन पहले कहा था कि उन्होने पूर्व मंत्री के लिये बीजेपी से बात किया था, लेकिन आखिरी मौके पर शिवपाल पलट गये। अब जब उन्होने अलग पार्टी का ऐलान कर दिया है, तो कहा जा रहा है कि अमर सिंह और जया प्रदा की भी इस पार्टी में एंट्री होगी। मुरादाबाद सीट से जया प्रदा लोकसभा चुनाव लड़ेगी, जबकि अमर सिंह महागठबंधन को नुकसान पहुंचाने के लिये रणनीति बनाएंगे।