गर्लफ्रेंड के चक्कर में मारा गया था कुख्यात गैंगस्टर, तत्कालीन सीएम की ले ली थी सुपारी

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अलीगढ में तैनात एसएसपी राजेश पांडेय वो पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होने उनके मुख्यमंत्री रहते सुपारी लेने वाले कुख्यात गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला का एनकाउंटर किया था।

New Delhi, Jan 05 : आज यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह अपना 85वां जन्मदिन मना रहे हैं, मौजूदा समय में वो राजस्थान के गवर्नर हैं। आपको बता दें कि अलीगढ में तैनात एसएसपी राजेश पांडेय वो पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होने उनके मुख्यमंत्री रहते सुपारी लेने वाले कुख्यात गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला का एनकाउंटर किया था, राजेश पांडेय ने अपने करियर में अब तक 50 से ज्यादा एनकाउंटर किये हैं, उनकी बहादुरी के लिये उन्हें चार बार गैलेंट्री अवॉर्ड मिल चुका हैं।

श्रीप्रकाश शुक्ला ने खुद किया था सुपारी का ऐलान
एसएसपी राजेश पांडेय ने एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए बताया कि 90 के दशक में पूर्वांचल में श्रीप्रकाश का दहशत था, Crime2अपहरण, डकैती और अवैध उगाही की वजह से ना सिर्फ आम आदमी परेशान था, बल्कि श्रीप्रकाश शुक्ला ने तो प्रशासन की भी नाक में दम कर रखा था, उसने तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह के बारे में ऐलान कर दिया, कि उसने सुपारी ली है, और वो उन्हें मार देगा।

कल्याण सिंह की वजह से परेशान
यूपी में कल्याण सिंह ने जैसे ही सीएम पद संभाला, सबकुछ उलट-पलट कर दिया था, उन्होने पुलिस अधिकारियों को लॉ एंड ऑर्डर टाइट करने के लिये खुली छूट दे रखी थी, Kalyan Singhजिस वजह से श्रीप्रकाश शुक्ला परेशान हो गया था, क्योंकि उसे कोई भी गलत काम आसानी से करते नहीं बन रहा था, शुक्ला चाहता था कि यूपी में उसका राज चले, इसी वजह से उसने तत्कालीन सीएम के सुपारी का ऐलान किया था।

उस दौर का सबसे खर्चीला मिशन
कुख्यात गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला अपने पास हर समय एके-47 रायफल रखता था, यूपी पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार उसके खात्मे के लिये पुलिस ने जो अभियान चलाया था, crimeउस समय उस पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च हुए थे, उस दौर में ये सबसे खर्चीला मिशन था, तब तक किसी गैंगस्टर या अपराधी के लिये इतना बड़ा मिशन लांच नहीं किया गया था, शुक्ला के लिये स्पेशल एसटीएफ गठन किया गया था।

कौन है श्रीप्रकाश शुक्ला ?
श्रीप्रकाश शुक्ला गोरखपुर के ममखोर गांव में पैदा हुआ था, वो बचपन से ही कुश्ती का शौकीन था और अपने गांव का जाना-माना पहलवान था, shriprakash Shuklaसाल 1993 में पहली बार उसने राकेश तिवारी नाम के एक शख्स की हत्या कर दी, उस शख्स की गलती इतनी थी, कि उसने शुक्ला की बहन से छेड़खानी कर दी थी, जिसके बाद श्रीप्रकाश शुक्ला ने उसकी हत्या कर दी। यही से उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा ।

गर्लफ्रेंड की वजह से मारा गया
श्रीप्रकाश शुक्ला को ट्रेस करना यूपी पुलिस के लिये काफी मुश्किल हो रहा है, तभी एसटीएफ को पता चला कि दिल्ली की कोई लड़की है, girlsजिससे शुक्ला फोन पर बातें करता है, जिसके बाद उसके फोन को सर्विलांस पर लगाया गया, लेकिन गैंगस्टर को इसकी भनक लग गई और उसने अपने फोन की बजाय पीसीओ से फोन करना शुरु कर दिया, लेकिन यूपी पुलिस शुक्ला के साथ-साथ उसकी गर्लफ्रेंड का फोन भी सर्विलांस पर लगा रखा था, इस वजह से उसका लोकेशन ट्रेस हो गया, तब शुक्ला गाजियाबाद के इंदिरा पुरम में छुपा बैठा था।

पहली बार माफिया को मारने के लिये तकनीक का इस्तेमाल
श्रीप्रकाश शुक्ला का इतना आतंक बढ गया था, कि उसे पकड़ने के लिये पहली बार यूपी पुलिस ने तकनीक का इस्तेमाल किया था, Murderउस दौर में सर्विलांस बेहद खर्चीला पड़ता था, लेकिन इसके बावजूद शुक्ला को ट्रेस करने के लिये स्पेशल सर्विलांस इक्यूपमेंट का इस्तेमाल किया गया था, ताकि उसे पुलिस जल्द से जल्द पकड़ सके।

पुलिस देखते ही शुरु कर दी फायरिंग
एसटीएफ टीम को लोकेशन मिलते ही उन्होने पूरे इलाके को घेर लिया, श्रीप्रकाश शुक्ला ने जैसे ही पुलिस को देखा, फिर उसने फायरिंग शुरु कर दी, UP Policeपुलिस की तरफ से भी जबावी फायरिंग की गई, यूपी पुलिस की स्पेशल टीम ने गैंगस्टर को सरेंडर करने को कहा, लेकिन वो लगातार फायरिंग करता रहा, पुलिस ने इस कुख्यात गैंगस्टर का यही पर एनकाउंटर कर दिया।

कौन हैं एसएसपी राजेश पांडेय ?
इलाहाबाद के रहने वाले राजेश पांडेय (54 साल) ने 1989 में यूपी पुलिस सेवा से अपने करियर की शुरुआत की थी, साल 2006 में उन्हें प्रमोट कर आईपीएस बना दिया गया, Rajesh-Pandey-Uttar-Pradesh-cadre-IAS-officer-16052016पिछली सपा सरकार में वो गोंडा के एसपी थे, फिर लखनऊ के एसएसपी बनाये गये। राजधानी लखनऊ में करीब 11 महीने के कार्यकाल के दौरान उन्होने कई बड़ी घटनाओं के खुलासे किये और सुर्खियों में रहे, अखिलेश यादव की सरकार ने उन्हें अलीगढ का एसएसपी बनाया था, जिसके बाद सरकार बदल गई, लेकिन वो अपनी कार्यशैली की वजह से अपने पद पर बने हुए हैं।