अखिलेश-जयंत में गठबंधन फॉर्मूला तय, जानिये कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी रालोद?

Jayant akhilesh

जिस फॉर्मूले पर गठबंधन की सहमति बनी है, उसके मुताबिक रालोद 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, जबकि 6 सीटों पर सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे।

New Delhi, Nov 24 : आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में छोटे दलों के साथ गठबंधन कर सत्ता में वापसी करने में जुटे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पश्चिमी यूपी के जाटलैंड में जीत का फॉर्मूला तय कर लिया है, मंगलवार को रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के सात उनकी दो घंटे लंबी मुलाकात में गठबंधन पर चर्चा हुई, ये मुलाकात इसलिये भी अहम थी, क्योंकि पश्चिमी यूपी में रालोद की भूमिका हमेशा से खास रही है, किसान आंदोलन के साथ ही चौधरी अजित सिंह की कोरोना से मौत की सहानुभूति भी जयंत के साथ होगी, लिहाजा अखिलेश और जयंत की जुगलबंदी से बीजेपी की मुश्किलें बढ सकती है, हालांकि अभी गठबंधन में सीटों का औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों के हवाले से मिल रही खबर के अनुसार सपा रालोद को जाटलैंड की 36 सीटें देगी।

क्या है फॉर्मूला
जिस फॉर्मूले पर गठबंधन की सहमति बनी है, उसके मुताबिक रालोद 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, जबकि 6 सीटों पर सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे, दरअसल सपा तथा रालोद गठबंधन पर सभी की निगाहें है, किसान बिल वापसी के बाद भी ये खबर आ रही थी, कि सपा जयंत चौधरी को ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है, सभी अटकलों को विराम लगाते हुए मंगलवार को जब जयंत और अखिलेश के बीच मुलाकात हुई, तो गठबंधन की गांठ बंध ही गई, ऐसा माना जा रहा है कि इस गठबंधन से जाट और मुस्लिम एक साथ होकर वोट करेंगे, तो पश्चिम यूपी की कई सीटों पर सियासी समीकरण बदल सकता है।

छोटे दलों को साधने में लगे अखिलेश
आपको बता दें कि अखिलेश यादव पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो 2022 विधानसभा चुनाव में किसी भी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेंगे, वो इस बार छोटे दलों को साथ लेकर चलेंगे, अभी तक अखिलेश ने 12 छोटे दलों से गठबंधन किया है, जिसमें राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, तथा एनसीपी समेत और पार्टियां शामिल है।

जातिय समीकरण साधने की कोशिश
दरअसल अखिलेश यादव छोटे दलों से गठबंधन कर जातिय समीकरण साधने की कोशिश कर रहे हैं, जाति आधारित पार्टी को अपने साथ जोड़कर वो यादवों के अलावा अन्य पिछड़ों का वोट भी अपने पाले में लाना चाहते हैं, हालांकि उनकी ये कोशिश कितनी सफल होगी, ये 2022 चुनाव परिणाम ही बताएगा।