राज्यसभा सांसद का सनसनीखेज दावा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की हत्या में नेहरु और स्टालिन की भूमिका

स्वामी ने ये भी दावा किया कि देश को आजादी नेताजी सुभाष चंद बोस की वजह से ही मिली थी।

New Delhi, Sep 30 : अपने बेबाक बयानों के लिये अकसर सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद ने फिर से एक हैरान करने वाला दावा किया है। दरअसल एक कार्यक्रम में बोलते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने ये कहकर सभी को चौका दिया है कि नेजाजी सुभाष चंद बोस की हत्या में पूर्व रुसी राष्ट्रपति जोसेफ स्टालिन और भारत के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरु की अहम भूमिका थी।

त्रिपुरा में बोलते हुए किया दावा
आपको बता दें कि बीजेपी सांसद त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये पहुंचे थे, वहीं पर बोलते हुए उन्होने ये दावा किया है। सुब्रमण्यम स्वामी का ताजा बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत के पुराने सहयोगी और मित्र देश का झुकाव चीन-पाकिस्तान की ओर हो रहा है।

रुस के पूर्व राष्ट्रपति पर आरोप
एक तरफ भारत सरकार अपने संबंधों को रुस के साथ मजबूत करने में जुटी हुई है, वहीं राज्यसभा सांसद ने जोसेफ स्टालिन पर नेताजी की हत्या में शामिल होने की बात कहकर सनसनी मचा दी है। अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार सुब्रमण्यम स्वामी ने इस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद बोस की मौत साल 1945 में हवाई जहाज गिरने से नहीं हुई थी, ये झूठ है।

साजिश के तहत हत्या
बीजेपी सांसद ने अपने संबोधन में कहा कि हवाई दुर्घटना में बचने के बाद नेताजी वामपंथी रुझान वाले देश रुस में शरण ली। पंडित जवाहर लाल नेहरु को नेताजी के रुस में शरण लेने की जानकारी थी। यहीं पर बाद में नेताजी सुभाष चंद बोस को साजिश के तहत कत्ल कर दिया गया। जिसमें रुस के पूर्व राष्ट्रपति भी शामिल थे।

नेताजी के कारण मिली आजादी
स्वामी ने ये भी दावा किया कि देश को आजादी नेताजी सुभाष चंद बोस की वजह से ही मिली थी। उन्होने बताया कि देश को आजादी नेताजी द्वारा 75 साल पहले आजाद हिंद फौज का गठन करने की वजह से मिली। अपनी बात रखते हुए उन्होने कहा कि साल 1948 में तत्कालीन ब्रिटिश पीएम क्लेमेंट एटलिस भारत दौरे पर आये थे, ब्रिटिश पीएम ने तब स्वीकार किया था कि ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के मुकाबले भारतीयों की संख्या काफी ज्यादा है, अगर वो हथियार उठा लेंगे, तो उनसे निपटना कठिन होगा। बीजेपी सांसद ने कहा कि तब ब्रिटिश पीएम ने ये स्वीकार किया था कि उन्हें बोस द्वारा आजाद हिंद फौज का गठन करने के बाद इस बात का एहसास हुआ था।