सड़क पर सिम बेचने वाला, सीढ़ियों पर रात को सोने वाला, आज खरबों की कंपनी का मालिक है

वो सड़क पर सिम बेचता था, उसने सीढ़ियों पर कई रातें भी गुजरी थी। इस मेहनत के दम पर ही आज वो खरबों की कंपनी का मालिक है। जानिए ये खास बातें।

New Delhi, Dec 19: एक कंपनी ने हिंदुस्तान के बिजनेस में नया अध्याय शुरू किया है। ये कंपनी आज करोड़ों खरबों  रुपये की कीमत वाली कंपनी बन गई है। किसी भी कंपनी की सफलता उसके पीछे की गई कड़ी मेहनत का नतीजा होती है। इसी सिलसिले में आज हम बात कर रहे हैं औयो रूम्स की। एक कमरे से शुरू की गई ये कंपनी आज खरबों की कंपनी बन गई है।

आज मिसाल बन गई है ये कंपनी
ये वो कंपनी है, जो आज 6 हजार करोड़ रुपये कीमत वाली कंपनी बन चुकी है। बड़े-बड़े बिजनेसमैन इस कंपनी को देखकर और इसकी तरक्की को देखकर सोचने पर मजबूर हैं। इस कंपनी का काम लोगों को सस्ते दामों पर बेहतरीन सुविधाएं देना है। क्या आप जानते हैं कि इस कंपनी की शुरुआत एक 17 साल के लड़के ने की थी। उस लड़के ने इसके लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी।

17 साल में छोड़ी इंजीनियरिंग
जी हां ओयो रूम्स के फाउंडर का नाम है रितेश अग्रवाल। रितेश ने इस कंपनी को 17 साल की उम्र में शुरू किया था। अब आलम ये है कि इस कंपनी में जापान के सॉफ्टबैंक ने 250 मिलियन डॉलर का निवेश कर दिया है। रितेश ने 17 साल की उम्र में इंजीनियरिंग छोड़ी और अपने बूते इस कंपनी की शुरुआत की थी। रितेश को ये आइडिया कहां से आया, जरा ये भी जान लीजिए।

आज 6000 करोड़ की कंपनी के मालिक
आज रितेश खरबों की कंपनी के मालिक हैं। लेकिन किसी भी सफलता के पीछे, उसके पीछे की गई मेहनत होती है। रितेश ने बार बार अपनी मेहनत से ये बात साबित की है कि सफलता का मूल मंत्र सिर्फ और सिर्फ मेहनत होता है। आज रितेश देश के ना जाने कितने लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। आज कई लोग उनके पदचिह्नों पर चलते हैं।

2009 में आया बेहतरीन आइडिया
रितेश को ये आइडिया तब आया जब वो साल 2009 में देहरादून और मसूरी घूमने गए। रितेश ने देखा कि ऑनलाइन होटल का बिजनेस कहीं नहीं है। उन्होंने सोचा कि क्यों ना एक ऐसी वेबसाइट बनाई जाए जहां लोगों को सस्ते दामों में होटल मिल सकें। इस बीच ये भी कहा जाता है कि इस काम की शुरुआत रितेश अग्रवाल ने मसूरी और देहरादून के होटल्स से ही की है।

फिर ऐसे शुरू किया काम
रितेश ने ऑनलाइन सोशल कम्युनिटी बनाने का प्लान किया। एक ऐसा प्लेटफॉर्म जहां होटल या फिर प्रॉपर्टी के मालिकों और सर्विस प्रोवाइडर्स की मदद से यात्रियों से कॉन्टैक्ट हो सके। रितेश मसूरी से वापस आए और बिना किसी की मदद के ये कंपनी शुरू कर डाली। सिर्फ 6 साल में ये कंपनी 6000 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई। रितेश कहते हैं कि शुरुआती दिनों में उनके पास किराया देने के लिए भी पैसे नहीं थे।

कई रातें सीढ़ियों पर बिताई
उन्होंने कई रातें सीढ़ियों पर बिताई हैं। कुछ रिपोर्टस कहती हैं कि रितेश ने इसके लिए सिम बेचकर कमाई का जरिया भी अपनाया। पहले रितेश ने इस वेबसाइट का नाम ‘ओरावल’ रखा था। लेकिन नाम की वजह से लोग इस वेबसाइट पर नहीं आ रहे थे। इसके बाद 2013 में इसका नाम बदल कर OYO Rooms रख दिया। आज पूरे देश में इस कंपनी के पास 8,500 होटलों में 70,000 से भी ज्यादा कमरे हैं।

ओडिशा के रहने वाले हैं रितेश
रितेश ओडिशा के बिस्सम कटक गांव के रहने वाले हैं। वो शुरू से ही बिल गेट्स और स्टीव जॉब्स के फैन रहे हैं। अपना काम शुरू करने के लिए रितेश के सामने फंडिंग और मार्केटिंग जैसी तमाम परेशानियां आई। लेकिन बेहतरीन टीम वर्क और शानदार गाइडेंस की बदौलत वो आगे बढ़ते गए। आज रितेश की कंपनी ओयो रूम्स 6000 करोड़ रुपये की कीमत वाली कंपनी बन गई है।