पटाखा बैन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दीवाली पर इस समय छुड़ा सकते हैं पटाखे

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि पटाखा उत्पादकों के आजीविका, उनके मौलिक अधिकार और देश के 1.3 अरब लोगों के स्वास्थ्य अधिकार समेत विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखना होगा।

New Delhi, Oct 23 : दीवाली से ठीक पहले देशभर में पटाखा बैन पर सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है, कोर्ट ने पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन लगाने से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि क्रिसमस, न्यू ईयर के खास मौके पर रात 11.45 से 12.45 तक पटाखे जला सकते हैं, इसके अलावा दीवाली पर रात 8 से 10 बजे के बीच पटाखे छुड़ाने की इजाजत होगी, आपको बता दें कि देश भर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाया गया था, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने क्या कहा ?
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि पटाखा उत्पादकों के आजीविका, उनके मौलिक अधिकार और देश के 1.3 अरब लोगों के स्वास्थ्य अधिकार समेत विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखना होगा, कोर्ट ने ये भी कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) सभी वर्ग के लोगों पर लागू होता है, पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध पर विचार करते समय संतुलन बरकरार रखने की आवश्यकता है।

दीवाली के आस-पास बढ जाता है पॉल्यूशन
मालूम हो कि सर्दियों की दस्तक होते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एयर पॉल्यूशन बढने लगा है, यहां के हवा की क्वालिटी खराब स्तर पर पहुंच गई है, देश के अन्य बड़े शहरों में भी सर्दी का मौसम शुरु होते ही पॉल्यूशन लेवल बढने लगता है। दीवाली के मौके पर पटाखों के धुंए से पॉल्यूशन और अधिक बढने की आशंका हो जाती है, हालांकि पटाखों को पूरी तरह से बैन करने पर बहस होती है, कि त्योहारों से ठीक पहले इस पर बैन कैसे लगाया जा सकता है।

पराली भी है एक कारण
दिल्ली-एनसीआर में दीवाली के आस-पास एयर पॉल्यूशन बढने के कुछ और भी कारण हैं। जैसे हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी यूपी में किसान इस मौसम में पराली जलाते हैं, हवा की दिशा इस ओर होने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ जाता है। इस बार सरकार ने किसानों को रोकने की भरपूर कोशिश की थी, कि वो पराली ना जलाएं, इसके बावजूद कुछ किसान पराली अपने खेत में ही जला रहे हैं।

बच्चों ने लगाई थी याचिका
आपको बता दें कि पांच साल के तीन बच्चों ने प्रदूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई की गई, इस याचिका में कहा गया था कि कैसे बच्चे वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। इस याचिका में पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाने की मांग की गई थी।