लता दीदी के बाद अब दिग्गज क्रिकेटर के पिता ने दुनिया को कहा अलविदा, सैनिकों से खास नाता

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सुरेश रैना का पैतृक गांव जम्मू-कश्मीर के रैनावारी में है, हालांकि 90 के दशक में उनके पिता परिवार समेत गाजियाबाद के मुरादनगर में बस गये थे।

New Delhi, Feb 06 : टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना के पिता त्रिलोक चंद रैना का रविवार को निधन हो गया है, वो लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे, उन्होने गाजियाबाद में अपने घर में अंतिम सांस ली, रैना के पिता ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करते थे, सुरेश रैना 15 अगस्त 2020 को धोनी के साथ ही इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी, हालांकि वो अभी भी आईपीएल खेल रहे हैं।

बम बनाने में महारत
सुरेश रैना ने टीम इंडिया के लिये 18 टेस्ट, 226 वनडे के अलावा 78 टी-20 मैच भी खेले हैं, रैना का पैतृक गांव जम्मू-कश्मीर के रैनावारी में है, हालांकि 90 के दशक में उनके पिता परिवार समेत गाजियाबाद के मुरादनगर में बस गये थे, उनके पिता ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करते थे, रैना ने पुराने इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता को बम बनाने में महारत हासिल थी।

ट्रेनिंग का खर्च उठाना मुश्किल
रैना ने जब क्रिकेट खेलना शुरु किया, तो उनके पिता की तनख्वाह मामूली थी, ऐसे में पिता के लिये घर खर्च के अलावा रैना के क्रिकेट ट्रेनिंग का खर्च उठा पाना मुश्किल हो रहा था, जल्द ही पिता की ये परेशानी भी दूर हो गई, जब 1998 में सुरेश को लखनऊ के गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में दाखिला मिल गया।

पिता करते थे मदद  
सुरेश रैना ने द स्लो इंटरव्यू में नीलेश मिसरा के साथ अपने पिता के बारे में एक खास बात बताई थी, उन्होने कहा था कि उनके पिता उन सैनिकों के परिवारों की देखभाल करते थे, जिनका निधन हो गया था, उन परिवारों की आर्थिक रुप से मदद करते थे, इस बात का ध्यान रखते थे कि उन्हें वो तमाम सुविधाएं मिले, जिसके वो हकदार मिले।