परिवार से रूठे तेज प्रताप यादव भाई तेजस्‍वी को देने वाले हैं बर्थडे गिफ्ट, पत्‍नी ऐश्‍वर्या हो सकती हैं सरप्राइज्‍ड

सूत्रों के हवाले से खबर है कि राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव वृंदावन और राधाकुंड दर्शन के बाद शुक्रवार को दिल्ली के लिए निकल गए हैं । वो भाई के बर्थडे पर शुक्रवार को आने वाले थे ।

New Delhi, Nov 10 : लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने शुक्रवार सुबह कहा था कि जब तक परिवार ऐश्वर्या से उनके तलाक के फैसले पर उनका पक्ष नहीं लेता है वे घर वापस नहीं लौटेंगे । तेज प्रताप मथुरा में थे और वृंदावन, राधाकुंड और गोवर्धन में मीडिया से किसी बात को तो तैयार नहीं हुए लेकिन उन्‍होने लोगों को फोटो लेने की इजाजत दे दी । सूत्रों के अनुसार तेजप्रताप यादव अपने छोटे भाई तेजस्वी का बर्थडे मनाने के लिए दिल्ली निकल गए। इससे पहले उनकी तेजस्‍वी से लंबी चौड़ी बात चीत हुई थी ।

मथुरा में तेजप्रताप ने बिताए दो दिन
घर से बिना बताए निकले तेज प्रताप यादव पिछले दो दिनों से मथुरा में थे । पीटीआई-भाषा ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि तेजप्रताप ने पिछले दो दिन मथुरा में ही बिताए । तेज प्रताप 3 नवंबर को बोधगया में थे, यहां से वो रांची में अपने बीमार पिता से मिलने गए और फिर होटल खाली करते हुए देखे गए थे । जानकारी के अनुसार तेजप्रताप ने वृंदावन में गोवर्धन पूजा की। भाईदूज के मौके पर गोवर्धन पहुंचकर गिरिराज पर्वत की परिक्रमा लगाई।

दिल्‍ली हुए रवाना
शुक्रवार को ही तेज प्रताप के दिल्‍ली आने की बात सामने आई थी लेकिन वो शाम तक भी दिल्‍ली नहीं पहुंचे । सूत्रों के हवाले से ख्‍साबर आ रही है कि तेज प्रताप अब दिल्‍ली पहुंचने वाले हैं । वो अपने भाई के जन्‍मदिन पर तो उनसे नहीं मिल सके लेकिन अब वो सारी कसर दूर कर देंगे । तेज प्रताप तेजस्‍वी यादव के बड़े भाई हैं  और उन्‍हें अपना कृष्‍ण मानते हैं ।

शुक्रवार को वृंदावन धाम, राधाकुंड पहुंचे थे तेजस्‍वी
तेजप्रताप यादव के निकटस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह गुरुवार को अचानक अपने आधा दर्जन मित्रों के साथ वाराणसी से सड़क मार्ग से दो कारों में वृन्दावन के चैतन्य विहार स्थित वृन्दा धाम पहुंचे जहां उन्होंने गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया। शुक्रवार की सुबह वह अपने मित्रों को वृन्दावन में ही छोड़कर अकेले कार में गोवर्धन से तीन किमी दूर राधाकुण्ड कस्बे में पहुंच गए। वहां स्थित राधा कुण्ड में स्नान किया और फिर करीब दो बजे एक तिपहिया में बैठकर गिरिराज पर्वत की सप्तकोसीय परिक्रमा लगाने निकल पड़े।  इस दौरान वह पूरी तरह से भक्तिभाव में डूबे नजर आए।