बैंक का मामूली चपरासी, जिसने डॉन बनकर दहला दी थी मुंबई, आज भी ढूंढ रही जांच एजेंसियां

tiger memon

मुंबई के अली रोड इलाके में साल 1960 में पैदा हुए टाइगर मेमन का असली नाम इब्राहिम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक नादिम मेमन था।

New Delhi, Jan 11 : 1993 के मुंबई सीरियल बम धमाकों को कौन भूल सकता है, इस धमाके के कुछ ऐसे आरोपित भी हैं, जो आज तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, उन्हीं में से एक नाम टाइगर मेमन का भी है, सीबीआई की चार्जशीचट में टाइगर भी आरोपित रहा, तो वहीं टाइगर के भाई तथा बम धमाकों में दोषी याकूब मेमन को 2015 में फांसी दे दी गई थी।

बैंक में चपरासी था टाइगर
मुंबई के अली रोड इलाके में साल 1960 में पैदा हुए टाइगर मेमन का असली नाम इब्राहिम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक नादिम मेमन था, उसके परिवार में मां-बाप के अळावा 5 छोटे भाई थे, परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी, पिता अब्दुल रज्जाक वेल्डिंग का काम करते थे, घर का बोझ कम करने के लिये इब्राहिम मुश्ताक ने एक बैंक में चपरासी की नौकरी शुरु किया, लेकिन यहां काम को लेकर उसका बैंक के मैनेजर से झगड़ा हो गया और नौकरी छूट गई।

इस तस्कर का बना ड्राइवर
चपरासी की नौकरी छूटी तो कुछ दिन बाद इब्राहिम मुश्ताक काम की तलाश में इधर-उधर भटका, फिर उसे ड्राइवर की नौकरी मिल गई, इब्राहिम अब मशहूर तस्कर मोहम्मद मुश्तफा दौसा की गाड़ी चलाने लगा, इस बीच दौसा ने उसकी मुलाकात दुबई के सोने के तस्कर याकूब भट्टी से कराई, वो गोल्ड स्मगलिंग में याकूब का काम देखने लगा, साल भर के भीतर ही इब्राहिम ने पाक तस्कर तौफीक के साथ दोस्ती की, फिर तस्करी के धंधे में बड़ा नाम बन गया, मजबूत प्लान और कई बार पुलिस से बचकर काम करने की तेजी की वजह से उसका नाम टाइगर को गया।

मुंबई के दंगे ने मन में भरी खटास
टाइगर ने तस्करी के धंधे में कमाये पैसों से माहिम की सम्राट कॉलोनी में कुछ इलेक्ट्रिक की दुकानों को शुरु किया था, लेकिन साल 1992 में मुंबई में हुए दंगे के दौरान उसकी दुकानों में आग लगा दी गई, बस यही वो घटना था, जिसने टाइगर को मुंबई में बम धमाके करने के लिये प्रेरित किया, इसी घटना के कुछ महीनों बाद 12 मार्च 1993 में सिलसिलेवार ढंग से बम धमाकों को अंजाम दिया गया था, इन बम धमाकों का मास्टर माइंड टाइगर मेमन ही था। 1993 में बम धमाकों की साजिश में दाउद इब्राहिम ने विस्फोटक सामाग्री तथा हथियारों की फंडिंग की थी, जिसे देश के बाहर से लाया गया था, ये सबसे भयानक और पहला बम धमाका था, जिसमें आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था, टाइगर ने इस पूरे हमले की योजना को अपने भाई याकूब की मदद से अंजाम दिया था, हालांकि इस घटना में कई और लोग भी शामिल थे।

कराची में रह रहा
मुंबई बम धमाकों को अंजाम देने के बाद टाइगर मेमन देश छोड़कर फरार हो गया, कई सालों बाद जांच एजेंसियों को पता चला था कि वो पाकिस्तान के कराची में रहता है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं हो सकी, टाइगर का नाम अभी भी भारत की जांच एजेंसियों और इंटरपोल की सूची में मोस्टवांटेड अपराधियों में शामिल है, लेकिन वो अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।