कुछ समय से टीएमसी और आईपैक के बीच दरार की खबरें आ रही हैं, पीके की टीम ने ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी की मदद की थी।
New Delhi, Feb 22 : गोवा में विधानसभा चुनाव के बाद नतीजे आने से पहले ही टीएमसी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो चुका है, गोवा के टीएमसी प्रमुख किरण कंडोलकर ने कहा कि वो प्रशांत किशोर से बेहद नाराज हैं, आपको बता दें कि पीके गोवा में टीएमसी के लिये अघोषित रुप से राजनीतिक सलाहकार के तौर पर काम कर रहे थे, लेकिन अब पार्टी के कई नेताओं ने उनकी कंपनी आई पैक पर ठीक से काम नहीं करने का आरोप लगाया है, कंडोलकर ने कहा कि वो टीएमसी की दोवा इकाई के प्रमुख पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं, हालांकि उन्होने कहा कि वो पीके की टीम से नाराज हैं।
दरार की खबरें
कुछ समय से टीएमसी और आईपैक के बीच दरार की खबरें आ रही हैं, आपको बता दें कि पीके की टीम ने ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी की मदद की थी, टीएमसी ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ गठबंधन कर गोवा में चुनाव लड़ा है, जहां 14 फरवरी को मतदान हो चुका है और नतीजे 10 मार्च को आएंगे।
पीके से कई शिकायतें
कंडोलकर ने एल्डोना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जबकि उनकी पत्नी कविता टीएमसी के टिकट पर थिविम से चुनावी ताल ठोक रही थी, उन्होने दावा किया कि दोवा में टीएमसी के ज्यादातर उम्मीदवारों को लगा कि चुनाव के बाद आई पैक ने उन्हें छोड़ दिया, उन्होने कहा कि टीएमसी मैदान में उतारे गये सभी उम्मीदवारों के पास आईपैक के साथ कुछ ना कुछ मुद्दे हैं, जब उम्मीदवारों ने मुझे पीके और उनकी टीम के साथ अपने मुद्दों के बारे में बताया, तो मैंने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ इस मामले पर चर्चा की, जिन्होने मुझे सलाह दी कि मैं टीएमसी गोवा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दूं।
नहीं दिया इस्तीफा
उन्होने आगे बताया कि मैं टीएमसी गोवा प्रमुख का पद नहीं छोड़ रहा हूं, लेकिन मैं पीके और उनकी टीम से परेशान हूं, कंडोलकर ने कहा कि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में मतदान पर चर्चा के लिये मंगलवार को पार्टी के सभी उम्मीदवारों की एक मीटिंग बुलाई गई है, आपको बता दें कि गोवा ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल के भी कई नेता पीके से नाराज हैं, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने भी पीके पर सवाल उठाये हैं, उन्होने कहा कि कोई भी ठेकेदार के जरिये पार्टी नहीं चला सकता, मैं लंबे समय से सांसद हूं, लेकिन टिकट के लिये कभी भी मुझसे सलाह नहीं ली गई, हालांकि आईपैक ने सर्वे किया और कई नेताओं को टिकट का वादा किया था, कई नेताओं ने भी इस कदम को माना है, अब जिन लोगों से वादा किया था, उनके पास टिकट नहीं है, तो वो निर्दलीय खड़े हो रहे हैं, कोई भी ठेकेदार के जरिये पार्टी नहीं है, तो वो निर्दलीय खड़े हो रहे हैं, कोई भी ठेकेदार के जरिये पार्टी नहीं चल सकती।