अंडर-19 विश्वकप- रोजाना 50 किमी का सफर, दिलचस्प है 17 साल के शेख रशीद की स्टोरी

Shaik Rasheed

टीम इंडिया ने अंडर-19 विश्वकप के फाइनल में जगह पक्की कर ली है, ये टीम लगातार चौथी बार फाइनल में पहुंची है।

New Delhi, Feb 04 : अंडर-19 विश्वकप के सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 96 रनों से हराया, जिसमें कप्तान यश ढुल के शतक तथा उपकप्तान शेख रशीद की जुझारु पारी की तारीफ हो रही है, रशीद ये सम्मान पाने के हकदार भी हैं, वो 17 साल के हैं, उन्होने क्रिकेट में करियर बनाने के लिये रोजाना 50 किमी का सफर किया, उन पर कोरोना का भी हमला हुआ, लेकिन कोई परेशानी उनका हौसला नहीं तोड़ सकी।

रशीद की शानदार पारी
टीम इंडिया ने अंडर-19 विश्वकप के फाइनल में जगह पक्की कर ली है, ये टीम लगातार चौथी बार फाइनल में पहुंची है, सेमीफाइनल के हीरो कप्तान यश ढुल (110 रन) तथा उपकप्तान शेख रशीद (108 गेंदों में 94 रन) रहे, रशीद ने ढुल के साथ मिलकर पारी को आगे बढाया, टीम इंडिया ने शुरुआती दो विकेट 37 रन पर ही गंवा चुकी थी, ढुल और रशीद ने तीसरे विकेट के लिये 204 रनों की साझेदारी की, जिसकी वजह से टीम 50 ओवर में 5 विकेट पर 209 रन बना सकी।

आसान नहीं रहा
रशीद को आज इस मुकाम तक पहुंचने की राह आसान नहीं रही, क्रिकेट एकेडमी जहां रशीद ट्रेनिंग करते थे, वो गुंटूर में उनके घर से करीब 50 किमी दूर मंगलगिरी में थी, लेकिन शायद ही वो कभी अभ्यास से चूके हों, team india5 क्योंकि उनके पिता शेख बालीशा रोजाना उन्हें स्कूटर से वहां पहुंचाते थे, फिर बारिश हो, धूप हो या गर्मी, कुछ भी मायने नहीं रखता था, बालीशा की नौकरी चली गई, उन्हें शहर-शहर भटकना पड़ा, लेकिन उन्होने अपने बेटे के दिल में क्रिकेट के सपने को जलाये रखा।

पिता रिकवरी एजेंट
शेख रशीद के पिता बालीश हैदराबाद में बैकों के लिये एक रिकवरी एजेंट के तौर पर काम करते थे, उन्होने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, मेरे एक दोस्त ने रशीद को बल्लेबाजी करते देखा, उन्होने मुझे फोन किया और कहा कि तेरा बेटा बहुत टैलेंटेड है, लेकिन हम ज्यादा खर्च उठाने की स्थिति में नहीं थे, लेकिन रास्ता निकलते गया और बेटा अंडर-19 विश्वकप टीम तक पहुंचा।

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