यूपी- टिकट बंटवारे के लिये बीजेपी ने बनाया खास प्लान, हर सीट के लिये रचा व्यूह

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दूसरे राज्यों के पदाधिकारियों की तैनाती की एक वजह ये भी है कि टिकट वितरण में गुटबाजी से फैसले ना हों, सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार का सही फीडबैक शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच सके।

New Delhi, Jan 02 : यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर सत्ताधारी बीजेपी ने खास रणनीति बनाई है, बीजेपी ने टिकट वितरण में किसी भी तारह की गुटबाजी को रोकने के लिये बड़ा दांव चला है, पार्टी नेतृत्व ने यूपी में दूसरे प्रदेश के दिग्गज पदाधिकारियों की एक बड़ी टीम उतार दी है, प्रदेश से लेकर क्षेत्रीय स्तर तथा विधानसभाओं तक दूसरे राज्य के पदाधिकारियों को तैनात किया गया है, इसके पीछे मंशा ये है कि विधानसभा के जिताऊ उम्मीदवारों के नामों का सही फीडबैक मिल सके।

पदाधिकारियों की तैनाती
दूसरे राज्यों के पदाधिकारियों की तैनाती की एक वजह ये भी है कि टिकट वितरण में गुटबाजी से फैसले ना हों, सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार का सही फीडबैक शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच सके, bjp flag (1) वहीं संगठन के अभियानों को धार मिले, जिससे बीजेपी के पक्ष में चुनावी माहौल बनाया जा सके, इसके लिये पार्टी ने यूपी की सभी 403 विधानसभा सीटों पर 806 प्रवासी पदाधिकारी तैनात किये हैं।

हर सीट की घेराबंदी
बीजेपी संगठन ने यूपी की हर विधानसभा सीट की घेराबंदी शुरु कर दी है, इन सीटों पर स्थानीय संगठन के पदाधिकारी पहने से तैनात है, bjp (1) अब गुजरात, एमपी, झारखंड, बिहार समेत दूसरे राज्यों के पदाधिकारियों को तैनात किया गया है, इतना ही नहीं बीजेपी की रणनीति है कि यूपी की हर विधानसभा सीट पर प्रवासी पदाधिकारी तैनात किये जाएं, यूपी में 806 ऐसे पदाधिकारी तैनात हो चुके हैं, जो दूसरे राज्यों से हैं, वहीं हर सीट पर एक महिला प्रवासी की भी तैनाती की जा रही है।

सुनील बंसल को जिम्मेदारी
बीजेपी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल यूपी चुनावों के मुख्य रणनीतिकार हैं, सुनील बंसल की व्यूह रचना से बीजेपी पिछले चुनाव लगातार जीतती आ रही है, सुनील ने यूपी में चुनावी प्रबंधन का जिम्मा जेपीएस राठौर को दिया है, जेपीएस राठौर ने पूरे प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर प्रभारी, जिला प्रभारी और क्षेत्रीय अध्यक्ष की तैनाती की है, इसके अलावा क्षेत्रीय प्रभारी भी लगाये हैं, यही नहीं प्रत्येक क्षेत्र में क्षेत्रीय अध्यक्ष के साथ ही अब दूसरे राज्य के पदाधिकारी की हर क्षेत्र में अलग से तैनाती की गई है, विधानसभा के टिकट वितरण में प्रवासी कार्यकर्ताओं का फीडबैक ही सबसे ज्यादा अहम माना जाएगा।