सियासी पिच के माहिर खिलाड़ी बन चुके हैं उपेन्द्र कुशवाहा, तेजस्वी यादव को कर दिया ‘क्लीन बोल्ड’

कभी नीतीश के खासमखास रहे उपेन्द्र कुशवाहा अपने सियासी मूव्स के लिये जाने जाते हैं, नीतीश से अलग होने के बाद उन्होने राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी का गठन किया।

New Delhi, Oct 30 : कभी नीतीश कुमार से राजनीति के दांव-पेंच सीखने वाले उपेन्द्र कुशवाहा सियासत के माहिर खिलाड़ी बन चुके हैं, मोदी सरकार में मंत्री बनकर बैठे होने के बावजूद वो कभी बीजेपी, तो कभी जदयू को अपने बयान से चौंकाते रहते हैं, हालांकि अब तक कुशवाहा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन परदे के पीछे से डील करने में जुटे हुए हैं, इसीलिये रह-रहकर बयानबाजी करते रहते हैं, अब तेजस्वी को लेकर उन्होने ऐसा बयान दिया है, जिसे सुन दोनों खेमों में बेचैनी बढेगी।

सियासी पिच के माहिर खिलाड़ी कुशवाहा
उपेन्द्र कुशवाहा सियासी पिच के माहिर खिलाड़ी बन चुके हैं, वो अपने सियासी मूव के लिये जाने जाते हैं, पिछले दिनों दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई, जिसके बाद अमित शाह ने ऐलान किया कि बिहार में दोनों दल बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, उन्होने सीट शेयरिंग का ऐलान करते हुए कुशवाहा का ज्यादा जिक्र तक नहीं किया, तो उपेन्द्र कुशवाहा ने भी तेजस्वी यादव से अरवल में मुलाकात कर सबको चौंका दिया था, कहा जाता है, कि उनके इशारे पर ही इस तस्वीर को वायरल किया गया था, ताकि बीजेपी पर दबाव बनाया जा सके।

अब तेजस्वी को किया क्लीन बोल्ड
दिल्ली में आज उपेन्द्र कुशवाहा ने बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेन्द्र यादव से सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर मुलाकात की, फिर उन्होने ऐसी बात कही, जिससे दोनों खेमों में बेचैनी बढ जाएगी, मोदी के मंत्री ने तेजस्वी यादव के मुलाकात पर कहा कि अरवल में उनकी मुलाकात के दौरान तेजस्वी उसने मिलने खुद चलकर आये थे, ना कि वो उनसे मिलने गये थे, यानी उन्होने अपनी महत्ता का दोनों खेमों को संदेश देने की कोशिश की है।

सीटों पर फंस रहा पेंच
जदयू के एनडीए में आने से बिहार में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है, पिछले सप्ताह अमित शाह ने ऐलान किया कि बिहार में बीजेपी और जदयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी, सीटों की संख्या अगले तीन-चार दिनों में ऐलान कर दिया जाएगा, इसके साथ ही शाह ने कहा कि लोजपा और रालोसपा को भी सम्मानजनक सीटें दी जाएगी, सूत्रों का दावा किया जा रहा है कि रालोसपा को एक या दो सीट ऑफर किया जा रहा है, इसी वजह से कुशवाहा तरह-तरह के पैंतरा दिखा रहे हैं।

सियासी मूव में माहिर
कभी नीतीश के खासमखास रहे उपेन्द्र कुशवाहा अपने सियासी मूव्स के लिये जाने जाते हैं, नीतीश से अलग होने के बाद उन्होने राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी का गठन किया, 2014 लोकसभा चुनाव से पहले उन्होने बीजेपी के साथ समझौता कर एनडीए में शामिल हो गये। मोदी लहर में चार में से तीन सांसद उनके जीतने में सफल रहे, जिसकी वजह से मोदी सरकार में उन्हें राज्य मंत्री का पद दिया गया। अब नीतीश के वापस एनडीए में आ जाने से कुशवाहा असहज महसूस कर रहे हैं, लेकिन ना तो वो एनडीए छोड़ रहे हैं और ना ही उनके खिलाफ बोलने से बाज रहे हैं, वो रह-रहकर तेजस्वी से भी लाइन जोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन फिर ऐन मौके पर अपने पांव पीछे खींच लेते हैं। अब देखना है कि लोकसभा चुनाव के पहले कुशवाहा क्या फैसला लेते हैं, वो एनडीए में बने रहते हैं, या फिर महागठबंधन का रुख करते हैं।