एनडीए के साथ बने रहेंगे उपेन्द्र कुशवाहा, ये है वजह

पिछले तीन दिनों से उपेन्द्र कुशवाहा बिहार के कोने-कोने में घूम कर दूध, चावल और पंचमेवा बटोरकर खीर बना रहे हैं। अगले दो दिनों तक और खीर बनाने और खाने का कार्यक्रम है।

New Delhi, Sep 28 : बिहार एनडीए में करीब-करीब सीट बंटवारे का मुद्दा सुलझा लिया गया है, हालांकि एनडीए सीट बंटवारे से ज्यादा इन दिनों मोदी सरकार में मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा चर्चा में हैं, बिहार में उन्हें लेकर खूब बतकही हो रही है, कोई दावा करता है कि लालू के बेटे तेजस्वी से उनकी बात फाइनल हो चुकी है, तो कोई दावा करता है कि कुशवाहा एनडीए से ब्रेकअप नहीं करेंगे, क्योंकि जिस गद्दी का उन्हें बेसब्री से इंतजार है, वो सिर्फ बीजेपी के पाले में ही रहने से मिल सकती है।

नहीं छोड़ेंगे महागठबंधन का साथ
बिहार के राजनीतिक एक्सपर्ट्स इस बात का दावा कर रहे हैं कि इस बात की संभावना कम ही है, कि वो महागठबंधन में जाएंगे, कम से कम 2019 लोकसभा चुनाव में तो वो ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि प्रदेश के रुख का उन्हें भी अंदाजा है। 24 सिंतबर को पटना में प्रेस कांफ्रेस में रालोसपा प्रमुख से पूछा गया था कि क्या आप सीएम बनना चाहते हैं, तो इस पर कुशवाहा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया था कि अगर आप बना देंगे तो बन जाएंगे, यानी उनकी नजर सीएम की कुर्सी पर है।

सीएम बनना चाहते हैं कुशवाहा
उपेन्द्र कुशवाहा खुली जुबां से हिंट कर चुके हैं, कि उनकी दिली तमन्ना है कि वो एक बार प्रदेश के सीएम बनें, अब समझने वाली बात ये है कि उनके सपने को साकार करने के लिय़े किस तरह की रणनीति कारगर होगी, अगर वो महागठबंधन में जाते हैं, तो वहां तो और लंबी वेटिंग लिस्ट है, तेजस्वी से लेकर तमाम सीएम उम्मीदवार पहले ही घूम रहे हैं, इसी वजह से कुशवाहा सोच-समझ कर फैसला लेना चाहते हैं।

नीतीश ने कर दिया असहज
2014 लोकसभा चुनाव में उपेन्द्र कुशवाहा बीजेपी के विश्वसनीय पार्टनर रहे हैं, लेकिन जुलाई 2017 में नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी ने कुशवाहा को थोड़ा असहज कर दिया है, लेकिन कहा जा रहा है कि अमित शाह के कहने के बाद दोनों एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी से परहेज करेंगे।

खीर बना रहे हैं कुशवाहा
पिछले तीन दिनों से उपेन्द्र कुशवाहा बिहार के कोने-कोने में घूम कर दूध, चावल और पंचमेवा बटोरकर खीर बना रहे हैं। अगले दो दिनों तक और खीर बनाने और खाने का कार्यक्रम है, कुशवाहा दावा कर रहे हैं कि वो एनडीए में हैं और रहेंगे, हम रोज पाला बदलने वालों में नहीं है, मुझे विश्वास है कि टिकट बंटवारे में हमारे साथ अन्याय नहीं होगा, यानी खीर बनाने के लिये एनडीए से भी उन्हें पर्याप्त दूध मिलने की संभावना है।