‘उपद्रवकारी कांवड़ियों पर हेलीकाप्टरी पुष्प-वर्षा में लाखों लुटाना है, लेकिन केरल के लिये सिर्फ 500 करोड़’

बाढ़ की विभीषिका का स्वयं जायज़ा लेने के बाद ‘प्रधानसेवक’ ने केरल की जनता की रक्षा के लिए आज सिर्फ 500 करोड़ की राहत राशि की घोषणा की है!

New Delhi, Aug 19 : केरल में बाढ़ से ऐसी तबाही 100 सालों में कभी नहीं देखी गई! भीषण बारिश और बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 324 लोगों के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि हुई है! लगभग ढाई लाख लोग विस्थापित हैं। अरबों की क्षति हुई है।‌ पर केंद्र सरकार से अभी तक सहायता के नाम पर सिर्फ 100 करोड़!

ठीक है, आपकी प्राथमिकता में मूर्तियों की स्थापना पर अरबों खर्च करना है, उपद्रवकारी कांवड़ियों पर हेलीकाप्टरी पुष्प-वर्षा में लाखों लुटाना है, अर्द्धकुंभ पर भी अरबों डुबाना है और अपने प्रचार में भी अरबों खर्च करना है!

पर बेहाल और बेघर होते लोगों की भी तो सोचिए! जनतंत्र में यही लोग अपने प्रतिनिधियों का चयन करते हैं! आप कहते हैं, आप सेवक हैं! पर ये सेवक की शैली तो नहीं लगती ?
सुना है, आज हवाई सर्वे हो रहा है! वित्तीय आबंटन के सारे शासकीय नियमों को शिथिल कर केरल को अविलंब भरपूर धन और बल दीजिए। केरल में इंसान, समाज और हमारी इंसानियत को बचाइये!

पुनश्च: बाढ़ की विभीषिका का स्वयं जायज़ा लेने के बाद ‘प्रधानसेवक’ ने केरल की जनता की रक्षा के लिए आज सिर्फ 500 करोड़ की राहत राशि की घोषणा की है! अर्द्धकुंभ के 1500 करोड़ में से 500 करोड़, सरकारी प्रचार तंत्र के खर्चे में 500 करोड़ और अन्य फिजूलखर्ची में कमी कर कम से कम आज 2000 करोड़ तो घोषित करते आज! बाद में और बढ़ोतरी करते!

(वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)