उत्‍तराखंड में चुनाव से पहले बीजेपी की बड़ी कार्रवाई, कैबिनेट मंत्री को पार्टी से बाहर निकाला

उत्‍तराखंड में बीजेपी ने अपने एक कैबिनेट मंत्री पर बड़ी कार्रवाई की है । आरोप है कि नेता जी दबाव की राजनीति का खेल खेल रहे थे, पार्टी भी झुकी नहीं और मंत्री जी को ही बाहर का रास्‍ता दिखा दिया ।

New Delhi, Jan 17: उत्‍तराखंड में ऐन चुनाव से पहले बीजेपी ने बड़ा कदम उठाया है, पार्टी में लगातार इस्‍तीफे की धमकी दे रहे और मनचाहे टिकट के लिए दबाव बना रहे  हरक सिंह रावत को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया है । आरोप है कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत लगातार बीजेपी को ब्लैकमेल करते हुए पार्टी को दबाव में लेकर अपनी मांगे मनवाते रहे हैं । लेकिन इस बार पार्टी उनके आगे नहीं झुकी और कार्रवाई कर बाहर का रास्ता दिखा दिया ।

बीजेपी ने की बड़ी कार्रवाई
बीजेपी ने अपने मंत्री हरक सिंह रावत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है । पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी उन्‍हें निलंबित कर दिया गया है । बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत पार्टी पर तीन टिकट देने का दबाव बना रहे थे । वह पार्टी से खुद के अलावा अपनी बहू और अपनी एक समर्थक को टिकट देने की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी रावत के आगे नहीं झुकी । उलटा इस बार उन पर कार्रवाई करते हए मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर पार्टी से भी छह साल के लिए निलंबित कर दिया ।

हरक सिंह रावत कर रहे थे ब्‍लैकमेल !
मीडिया में रिपोर्ट है कि हरक सिंह रावत लगातार बीजेपी को ब्लैकमेल कर रहे थे । इससे पहले भी वह पार्टी में दबाव की राजनीति कर रहे थे । लगातार अपनी मांगे मनवाने के लिए धमकियां दे रहे थे । आपको बता दें, अभी बीते दिसंबर महीने में भी हरक सिंह रावत कैबिनेट से उठकर कर चले गए थे और इस्तीफ़े की धमकी दी थी । तब राज्य सरकार ने उनकी मांग को मानते हुए कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज को मंज़ूरी दे दी थी । लेकिन इस बार हरक सिंह रावत की मांगें इतनी बढ़ गईं कि पार्टी ने उन्‍हें बाहर करना ही ठीक समझा । पार्टी ने मांगे मानने की बजाय उन्हें पहले मंत्रीमंडल से बर्खास्त किया और फिर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छः साल के लिए निलंबित कर दिया।

कांग्रेस में वापसी?
खबर है कि अब हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं । रावत पांच साल पहले कांग्रेस से बाग़ी होकर ही बीजेपी में आए थे । हालांकि ये ऐसे नेता है जिनका दल बदलने का इतिहास काफी पुराना है । जनता भी इनके रंग बखूबी पहचानती है । आपको बता दें, हरक सिंह रावत ने मंत्री पद से या बीजेपी से इस्तीफ़ा नहीं दिया था केवल नाराज़गी जाहिर की थी । पिछली बार वह कैबिनेट की बैठक से स्वास्थ्य मंत्री से अपनी विधानसभा कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज खोले जाने की बहस के बाद कैबिनेट की बैठक बीच में ही छोड़ कर चले गए थे । उसके बाद उन्‍हें मना लिया गया था । लेकिन एक जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोला जाना था, क्‍योंकि पौड़ी गढ़वाल में पहले से ही मेडिकल कॉलेज है ऐसे में कोटद्वार में ये खोलना सरकार के लिए संभव नहीं माना जा रहा था ।