जेटली की सफाई के बाद विजय माल्‍या का मुलाकात वाली बात से यू टर्न, अब बताई अंदर की बात

भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्‍या के बयान ने वित्‍त मंत्री पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, हालांकि माल्‍या के बयान के फैरन बाद ही जेटली ने अपनी सफाई सोशल मीडिया पर दे दी, अब एक बार फिर माल्‍या ने इसका जवाब दिया है ।

New Delhi, Sep 13 : विजय माल्‍या के अरुण जेटली से मुलाकात के दावे ने राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया । कया कांग्रेस, कया आम आदमी पार्टी, सभी दलों ने बीजेपी सरकार को निशाने पर ले लिया । देश छोड़ने से पहले माल्‍या वित्‍त मंत्री अरुण जेटली से मिला था, ये बात वैसे भी किसी के गले से कैसे उतरती । माल्‍या के इस दावे ने सरकार में भी खलबली मचा दी । अरुण जेटली ने फैरन इस पर अपनी सफाई पेश की और एक लंबी चौड़ी पोस्‍ट फेसबुक के हवाले कर दी । हालांकि इसके बाद माल्‍या ने अपने बयान को हल्‍का करते हुए असल बात बताई है ।

जेटली के जवाब पर माल्‍या की सफाई
माल्‍या के पत्रकारों से बातचीत का ये हिस्‍सा जैसे ही सामने आया वित्‍त मंत्री की ओर से इसका खंडन किया गया । उसके तुरंत बाद ही माल्‍या की ओर से भी बयान को हल्‍का करने की कोशिश की गई । माल्‍या ने कहा कि – इस मुद्दे पर विवाद खड़ा करना सही नहीं है, क्योंकि यह को औपचारिक मुलाकात नहीं थी और वित्त मंत्री से यह सिर्फ संयोगवश हुई मुलाकात थी ।

पत्रकारों से ये बोला था माल्‍या
बुधवार को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे माल्या से जब मीडियाकर्मियों ने ये पूछा कि क्या उसे देश से भागने के लिए आगाह किया गया था, तब उसने कहा था – ‘मैं भारत से रवाना हुआ क्योंकि जिनेवा में मेरा एक एक मुलाकात का कार्यक्रम था । रवाना होने से पहले मैं वित्त मंत्री से मिला था और बैंकों के साथ मुद्दे का निपटारा करने की अपनी पेशकश दोहराई थी । यही सच्चाई है ।’ हालांकि  माल्या ने मंत्री का नाम लिए बगैर ही यह बात कही थी ।

अरुण जेटली का बयान
माल्‍या की ओर से आए इस बयान के बाद तुरंत ही अरुण जेटली की ओर से एक सफाई पोस्‍ट की गई । जिसमें लिखा था – “यह तथ्यात्मक रूप  से ग़लत है और यह सच को नहीं दर्शाता है. 2014 से मैंने कभी उन्हें मुलाकात का वक्त नहीं दिया है, ऐसे में मुझसे मिलने का सवाल ही नहीं उठता. हालांकि वो राज्यसभा के सदस्य थे और कभी-कभी सदन में भी आया करते थे. ऐसे में उस विशेषाधिकार का दुरुपयोग करते हुए जब मैं सदन का कार्यवाही के बाद अपने कमरे की ओर जा रहा था तो वो मेरी ओर आए और चलते चलते कहा “मैं कर्ज़ चुकता करने का एक ऑफ़र दे रहा हूं.”

किसी तरह की कोई बात नहीं हुई
पोस्‍ट में आगे लिखा गया है – “उनके पहले भी दिए गए इस तरह के झांसे से मैं अवगत था इसलिए मैंने आगे किसी भी बात के करने से इनकार करते हुए उनसे कहा, “मुझसे बात करने का कोई फ़ायदा नहीं है, आपको बैंक को ऑफ़र देने चाहिए.” “मैंने उनके हाथ में पड़े कागज़ को लेने से भी इनकार कर दिया. इस एक वाक्य के अलावा जो उन्होंने राज्यसभा सदस्य होने का फायदा उठाते हुए मुझसे कहा, ताकि उन्हें बैंक के कर्ज़दार होने में व्यावसायिक लाभ मिल सके, उन्हें मीटिंग के लिए मुलाकात का वक्त देने का सवाल ही नहीं उठता.”

प्रत्‍यर्पण पर 10 दिसंबर को फैसला
भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहा शराब कारोबारी विजय माल्या अपने प्रत्यर्पण के एक केस में कोर्ट पहुंचा था । 2016 में जब वो भारत से भागा था, तब जेटली वित्त मंत्री थे और उन्होंने उसके इस दावे को खारिज कर दिया है कि उनकी माल्‍या से कोई औपचारिक मुलाकात हुई थी । आपको बता दें लंदन की वेस्टमिनिस्टर्स मजिस्ट्रेट कोर्ट में पिछले 18 महीनों से चल रही विजय माल्या के प्रत्यर्पण की सुनवाई पूरी हो गई है और अदालत इस पर अपना फ़ैसला 10 दिसंबर को सुनाएगी ।

Posted by Arun Jaitley on Wednesday, 12 September 2018