कभी सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने के देखती थी सपने, अब राहुल गांधी ने बनाया स्टार प्रचारक

विजयशांति के बारे में कहा जाता है कि उन्होने आंध्र प्रदेश से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने की ठान ली थी।

New Delhi, Sep 24 : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिये एक्ट्रेस से पॉलीटिशन बनीं विजयशांति को अपनी पार्टी का स्टार प्रचारक और चुनाव प्रचार अभियान समिति का सलाहकार बनाया है। लेकिन कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले से प्रदेश कांग्रेस के कई नेता नाखुश हैं। सूत्रों का दावा है कि हैदराबाद में गांधी भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कई नेताओं ने इस पर नाखुशी जाहिर की है और पार्टी हाईकमान के इस फैसले को गलत कहा है।

चेन्नई की हैं विजय शांति
आपको बता दें कि विजयशांति मूलरुप से तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई की रहने वाली हैं, उनका पूरा नाम विजय शांति श्रीनिवास है, साउथ फिल्म इंडस्ट्री में एक दौर था, जब उन्हें लेडी अमिताभ के नाम से जाना जाता था। उन्होने अपने फिल्मी करियर में 180 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। फिल्मों में वो साल 1980 से लेकर 90 तक खूब सक्रिय रहीं।

फिल्म के बाद राजनीति
फिल्में छोड़ने के बाद उन्होने राजनीति का रुख किया, साल 1988 में उन्होने बीजेपी का दामन थामा, तब बीजेपी ने उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी थी, महिला मोर्चा में उन्हें सचिव बनाया गया था। साल 1999 के आम चुनाव से पहले अफवाह उड़ी, कि सोनिया गांधी आंध्र प्रदेश के कडप्पा विधानसभा से चुनाव लड़ेगी, तब विजयशांति ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने तक की ठान ली थी।

सोनिया के खिलाफ चुनाव लड़ने का अरमान
विजयशांति के बारे में कहा जाता है कि उन्होने आंध्र प्रदेश से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने की ठान ली थी। लेकिन सोनिया गांधी आंध्र प्रदेश की बजाय कर्नाटक के बेल्लारी से चुनाव लड़ी, जिसकी वजह से विजयशांति का सपना अधूरा रह गया। हालांकि साल 2009 में कुछ कारणों से नाराज होकर विजयशांति ने बीजेपी से इस्तीफा दे दी और तेलंगाना को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर खुद की तल्ली तेलंगाना नाम की पार्टी बना ली।

पार्टी का टीआरएस में विलय कर लिया
विजयशांति ने अलग पार्टी बना समर्थन जुटाने में सफल नहीं रही, तो उन्होने बाद में टीआरएस में अपनी पार्टी का विलय कर लिया, फिर कुछ महीने बाद टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव से उनके मतभेद होने शुरु हो गये, जिसके बाद उन्होने टीआरएस से इस्तीफा दे दिया। साल 2014 में वो कांग्रेस से जुड़ी, और निजामाबाद सीट से चुनाव लड़ी, हालांकि राव की बेटी ने उन्हें चुनाव में हरा दिया। जिसके बाद कुछ समय के लिये वो राजनीतिक मंचों से दूर हो गई। अब स्टार प्रचारक बनाये जाने के बाद वो फिर से सुर्खियों में है।