कपड़े धोने से मां बीमार हुई, तो 14 साल के बेटे ने चंद रुपयों में बनाई देसी वॉशिंग मशीन

इसकी मां लगातार कपड़े धोने से बीमार हो रही थी तो, उसने 14 साल की उम्र में ही चंद रुपयों की मदद से देसी वॉशिंग मशीन तैयार कर डाली।

New Delhi, Feb 16: उस लड़के की मां लगातार कपड़े धोने की वजह से बीमार होती जा रही थी। कभी मां के जोड़ों में दर्द हो जाता था, कभी वायरल फीवर हो जाता था। मां की तकलीफ उस 14 साल के लड़के से देखी नहीं गई और उसने जुगाड़ से देसी वॉशिंग मशीन तैयार कर दी। क्या आप जानते हैं कि इस वॉशिंग मशीन की कीमत क्या है ? सिर्फ 1700 रुपये में ये कमाल कर दिखाया दर्शन ने।

छिंदवाड़ा के रहने वाले हैं दर्शन
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पंधुरना गांव में मोटर मैकेनिक संजय कोले का परिवार रहता है। उनका 14 साल का बेटा दर्शन आकल काफी चर्चाओं में है। इसके पीछ वजह ये है कि दर्शन ने सिर्फ 1740 रुपये में ही वॉशिंग मशीन बना डाली। खास बात ये है कि इस वॉशिंग मशीन को चलाने के लिए बिजली की कोई भी जरूरत नहीं है।

साइकिल से चलती है वॉशिंग मशीन
आप बस साइकल पर पैडल मारते रहिए और कपड़े आसानी से धुल जाएंगे। दर्शन ने एक वेबसाइट से बात की। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में कुल मिलाकर 6 लोग हैं। मां सभी के कपड़े धुलती हैं। उनका कहना है कि कई बार मां कपड़े धुलने की वजह से बीमार पड़ जाती थीं। कभी वायरल हो जाता तो कभी जोड़ों में दर्द भी बढ़ जाता था।

सिर्फ 1740 रुपये में किया कमाल
इसके बाद दर्शन के दिमाग में आइडिया आया कि क्यों ना मां की मदद की जाए। 14 साल के दर्शन 8वीं कक्षा के छात्र हैं। उन्होंने मन में ठान लिया था कि देसी जुगाड़ से वॉशिंग मशीन तैयार करेंगे। मशीन को किस तरह से तैयार करना है कि और इसके पीछे किस तरह की टेक्नीक लगेगी, ये सब दर्शन के दिमाग में पहले से ही क्लीयर था।

पहले नहीं थे पर्याप्त पैसे
हालांकि दर्शन के पास सामान जुटाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। कहते हैं कि किसी काम को करने के लिए जब आपने मन बना ही लिया है, तो कुदरत भी आपका साथ देती है। दर्शन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। दर्शन ने अपने स्कूल के अध्यापकों के सामने अपनी परेशानी रखी। अध्यापकों ने जब दर्शन का आइडिया सुना तो उन्हें ये काफी पसंद आया।

शिक्षकों ने की दर्शन की मदद
इसके बाद शिक्षकों ने दर्शन का नाम इंस्पायर अवॉर्ड के लिए भेजा। इसके बाद दर्शन के प्रोजक्ट को सलेक्ट किया गया और उन्हें 5 हजार रुपये ईनाम में दिए गए। इसके बाद दर्शन ने वॉशिंग मशीन को खुद तैयार किया। इसके लिए उन्होंने एक पुरानी साइकिल, दो थाली, एक ड्रम, एक लोहे की रॉड और एक जाली खरीदी। इसके बाद उन्होंने क्या किया, जरा ये भी जानिए।

ऐसे तैयार की वॉशिंग मशीन
इसके बाद दर्शन ने एक ड्रम के अंदर इन सभी चीजों को फिट कर दिया। जब ये मशीन तैयार हुई तो रॉड के जरिए इसे साइकिल से जोड़ दिया गया। साइकिल का पैडल चलाने से बिना बिजली के यह मशीन कपड़े की अच्छे से धुलाई करती है। इस मशीन को तैयार करने में दर्शन को सिर्फ डेढ़ महीने का वक्त लगा। अब ये देसी वॉशिंग मशीन दुनिया के सामने है।