बेटी को सेटल कर बेटे के चक्कर में थे स्वामी प्रसाद मौर्य, जानिये BJP छोड़ने की Inside Story

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स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी पहले से बीजेपी सांसद है, सूत्रों की मानें तो स्वामी अपने बेटे के लिये टिकट को लेकर पार्टी पर लगातार दबाव बना रहे थे।

New Delhi, Jan 12 : यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी छोड़कर साइकिल की सवारी शुरु कर दी है, इससे यूपी का राजनीतिक पारा चढ गया है, स्वामी ने बीजेपी पर पिछड़ों और दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ी, लेकिन सूत्रों का दावा है कि पार्टी छोड़ने की वजह उनके बेटे को टिकट नहीं देना बताया जा रहा है, सूत्र का दावा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बेटे उत्कृष्ट मौर्य के लिये रायबरेली के ऊंचाहार से टिकट मांग रहे थे, लेकिन बीजेपी तैयार नहीं थी।

अखिलेश से बात
आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी पहले से बीजेपी सांसद है, सूत्रों की मानें तो स्वामी अपने बेटे के लिये टिकट को लेकर पार्टी पर लगातार दबाव बना रहे थे, इस पर बीजेपी की ओर से उनके मंत्री होने की बात कहकर टिकट दिये जाने से मना कर दिया गया, तो उन्होने बीजेपी से किनारा करने का मन बना लिया, बताते हैं कि मौर्य ने इसके बाद से ही अखिलेश यादव से संपर्क किया, मंगलवार को कैबिनेट और बीजेपी से रिजाइन कर सपा का रुख कर लिया।

लंबी बातचीत
बताया जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य की सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लंबी बातचीत हुई है, जिसमें उन्होने अपने बेटे उत्कृष्ठ मौर्य के लिये रायबरेली के ऊंचाहार सीट से टिकट भी मांगा है, जिसके लिये समाजवादी पार्टी प्रमुख ने सहमति भी जता दी है, जिसके बाद वो सपा में शामिल हुए हैं।

ऊंचाहार सीट पर सियासी नजर
ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र रायबरेली जिले में आता है, ये गांधी परिवार का मजबूत गढ भी रहा है, इसलिये यहां बीजेपी कभी खास मजबूत नहीं रही, 2012 विधानसभा चुनाव में यहां पर सपा नेता और ब्राह्मण चेहरे मनोज पांडे ने जीत हासिल की थी, 2017 में दोबारा मनोज पांडे यहां से जीते, कांशीराम और मुलायम के गठबंधन के दौर में सपा-बसपा के संयुक्त प्रत्याशी गजाधर सिंह यादव विधायक बने थे, बसपा के एक और ओबीसी चेहरे के रुप में जगह बनाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य 1996 में इस सीट से विधायक बने थे।