अमृतसर हादसे की जिम्मेदारी किसकी है, रेलवे की, मेला आयोजित करने वाले प्रशासन की या फिर उन निर्दोष लोगों की जो लापरवाही का शिकार हो गए । मामले में ट्रेन के ड्राइवर का पक्ष भी सामने आया है ।
New Delhi, Oct 20 : शुक्रवार शाम करीब 6:50 बजे अमृतसर के पास ही एक रेलवे ट्रैक पर तेज स्पीड से आ रही ट्रेन ने ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोगों को कुचल डाला । हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है । पहले 50, फिर 60 और अब 70 जानों के जाने की खबर है । हादसे में 150 के करीब लोगों के जख्मी होने की खबर है । बताया जा रहा है कि कई लोग तो ऐसे भी हैं जिनके रिश्तेदारों की खबर अब तक मिली ही नहीं है । देर शाम ये यही रावण देखने आए थे ।
स्कूल-कॉलेज-दफ्तर सब बंद
इस दर्दनाक दशहरे के कारण शहर भर में आज शोक के रूप में स्कूल, कॉलजे और दफ्तरों की छट्टी कर दी गई है । घटना के बाद 13 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं । रेलवे ट्रैक पर दिखा मंजर लोगों की आंखों में बसा गया है, हर तरह कटी हुई लाशें देखकर सभी का कलेजा मुंह को आ रहा था । ये हादसा क्यों हुआ, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है, पीडि़त लोग अब यही सवाल पूछ रहे हैं । वहीं अमृतसर रेलवे प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 0183- 2223171 और 0183-2564485 जारी किए हैं।
ड्राईवर की सफाई
जिसे ट्रेन से 100 से ज्यादा लोग कुचले गए उस गाड़ी के ड्राईवर से अधिकारी बात कर रहे हैं । उनके मुताबिक डसने सफाई दी है कि रात होने के कारण और आतिशबाजी के कारण सब ओर धुआं होने के चलते उसे कुछ दिखाई ही नहीं दिया । उसे इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि ट्रे ट्रैक पर इतने लोग खड़े हो सकते हैं । रेल अधिकारियों ने ड्राईवर की पहचान को गुप्त रखा है । रेल अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं ।
किसने दी इजाजत ?
हैरानी की बात ये कि बेहद घनी बस्ती वाले इस इलाके में ये हादसा कैसे हो गया है । इस मौत का कौन जिम्मेदार है । रेल प्रशासन के मुताबिक उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी, स्थानीय प्रशासन को इस बात की अनुमति नहीं थी कि रेल ट्रैक पर खड़े होकर लोग रावण दहन देखें रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि रावण दहन देखने के लिए लोगों का वहां पटरियों पर इकट्ठा होना “साफ तौर पर अतिक्रमण का मामला” है
रेलवे अधिकारियों ने कहा –
“हमें इस बारे में जानकारी नहीं दी गई थी और हमारी तरफ से कार्यक्रम के लिये कोई मंजूरी नहीं दी गई थी, यह अतिक्रमण का स्पष्ट मामला है और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदारी लेनी चाहिए । वहीं केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के मुताबिक स्थानीय प्रशासन ने कार्यक्रम की सूचना रेलवे विभाग को दी ही नहीं । अगर रेलवे को जानकारी दी जाती तो उनके विभाग की ओर से गाइडलाइंस निश्चित रूप से जारी किये जाते ।