इन वजहों से सच दिखती है प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी, कैसे दशकों तक राज कर सकती है बीजेपी?

modi shah

हाल ही में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा था कि बीजेपी भारतीय राजनीति के केन्द्र में बनी रहेगी, कई राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत के इस बयान से सहमत थे, विशेषज्ञ का मानना है कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने भारतीय राजनीति की मौलिक नियमों को बदल कर रख दिया।

New Delhi, Nov 14 : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार तथा हालिया उपचुनावों में बीजेपी के प्रदर्शन के बाद 2022 में यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के चुनाव में उसकी राह कठिन हो सकती है, लेकिन हाल ही में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पीएम मोदी ने भरोसा जताया है कि पार्टी की स्थिति मजबूत बनी रहेगी, उन्होने कहा कि हमारे पास कार्यकर्ताओं की फौज है, जबकि अन्य पार्टियां सिर्फ एक परिवार के ईद-गिर्द घूमती है, हालांकि मौजूदा समय में बात ये भी है कि बीजेपी भी नरेन्द्र मोदी के आस-पास रहती है।

पीके ने क्या कहा था
हाल ही में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा था कि बीजेपी भारतीय राजनीति के केन्द्र में बनी रहेगी, कई राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत के इस बयान से सहमत थे, विशेषज्ञ का मानना है कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने भारतीय राजनीति की मौलिक नियमों को बदल कर रख दिया, बीजेपी कोई ऐसी पार्टी नहीं है, जो चुनाव के समय सक्रिय होती है, ये एक पूर्णकालिक चुनाव मशीन है, जो हर समय विरोधियों को कुचलने को तैयार रहती है, ये संभव है कि बीजेपी आने वाले कुछ विधानसभा चुनावों में हार जाए, लेकिन पार्टी का मुख्य फोकस यूपी पर है, बीजेपी लखनऊ जीतने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ेगी, बीजेपी किसी भी हाल में सबसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश को जीतना चाहती है।

राहुल गांधी से बीजेपी को फायदा
बीजेपी राहुल गांधी को अपने तुरुप के पत्ते की तरह इस्तेमाल करती है, कांग्रेस के हर कदम को राहुल गांधी की नाकामी से जोड़कर भुनाने का काम करती है, पंजाब ताजा उदाहरण है, कि गांधी परिवार ने अमरिंदर सिंह जैसे पुराने योद्धा को कैसे अपमानित किया, कई राजनीतिक समीक्षक का मानना है कि मौजूदा समय में गांधी परिवार पार्टी का नेतृत्व करने में अयोग्य हैं, लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ जो भी हुआ, उसके बाद प्रियंका गांधी कई दिनों तक मीडिया में छायी रही, लेकिन क्या ऐसे कांग्रेस सत्ता में आ सकती है, या मजबूत विपक्ष बन सकती है, ये भी एक बड़ा सवाल है।

कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव भी बन सकता है चुनौती
कांग्रेस पार्टी के अंदर भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, पार्टी कई महीनों से पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं चुन सकी है, हालांकि गांधी परिवार ने माना है कि पूर्णकालिक अध्यक्ष का चयन जरुरी है, लेकिन पार्टी की बागडोर को लेकर खींचतान जारी है, सोनिया गांधी की तबीयत उन्हें सक्रिय भूमिका निभाने की इजाजत नहीं देता है, राहुल भले ही मोदी सरकार की बातों की धज्जियां उड़ा रहे हों, लेकिन अपनी पार्टी के संविधान का सम्मान करने में लापरवाह रहे हैं। 1998 के बाद से पार्टी में आंतरिक चुनाव नहीं हुए हैं, राहुल पर आरोप लगते रहे हैं कि वो बुजुर्गों से परामर्श करने की जहमत नहीं उठाते हैं।