मुकेश सहनी की धमकियों को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही बीजेपी? ये है Inside Story

mukesh sahni

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि मुकेश सहनी जिस तरह की राजनीति करते हैं, वो उन्हें पसंद नहीं आता।

New Delhi, Feb 07 : बिहार विधान परिषद चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने से नाराज एनडीए घटक दल में शामिल वीआईपी ने सभी 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है, वहीं जीतनराम मांझी की पार्टी ने भी जदयू और बीजेपी के बीच हुए सीट बंटवारे के फैसले पर आपत्ति जताई है, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने तो यहां तक कह दिया, कि बिहार में एनडीए का स्वरुप खत्म हो चुका है, मुकेश सहनी ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बिबार में बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या बीजेपी मुकेश सहनी के दबाव में आएगी।

धमकियों का बीजेपी पर असर नहीं
बिहार बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि वीआईपी की धमकियों से हम ज्यादा परेशान नहीं हैं, बिहार में एनडीए सरकार पूरी एकता के साथ चल रही है, bjp flag गठबंधन में हमेशा थोड़ी बहुत मुश्किलें आती रहती है, दरअसल बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के दौरान वीआईपी को 11 सीटें तो दे दी, लेकिन उन पर लड़ने के लिये अपने उम्मीदवार उतार दिये, मुकेश सहनी के 4 विधायक हैं, वो चारों बीजेपी पृष्ठभूमि से आते हैं, कई मौकों पर वो खुलकर बीजेपी के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।

घर वापसी की तैयारी
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि मुकेश सहनी जिस तरह की राजनीति करते हैं, वो उन्हें पसंद नहीं आता, बीजेपी के एक अन्य नेता ने कहा, जब से निलंबित बीजेपी नेताओं की घर वापसी शुरु हुई है, फिर से गठबंधन की उम्मीद बढ गई है, bjp (1) इन सभी विधायकों ने वीआईपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन गठबंधन में सीटें मुकेश सहनी की पार्टी को दी गई थी, आपको बता दें कि कुछ दिन पहले पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया और सिवान से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे मनोज सिंह फिर से बीजेपी में शामिल हुए हैं।

विधायक बीजेपी के साथ
साहेबगंज से वीआईपी विधायक राजू सिंह ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं, कि हम बीजेपी पृष्ठभूमि से हैं, मैं 20 साल से विधायक हूं, एनडीए छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है, मुकेश सहनी द्वारा जुलाई 2021 में एनडीए विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के बाद विधायक राजू सिंह ने उनके नेतृत्व पर सवालिया निशान लगा दिया था, राजू सिंह ने कहा था कि मुकेश सहनी ने वीआईपी के चार विधायकों में से किसी से भी सलाह-मशविरा नहीं किया, एनडीए विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला खुद ही ले लिया, जिस तरह से वो पार्टी के फैसले ले रहे हैं, वो सही नहीं है, वो हावी होना चाहते हैं। वहीं मुजफ्फरपुर के बोचहां सीट पर एनडीए और महागठबंधन के बीच लड़ाई से पहले एनडीए के भीतर के दो दल बीजेपी और वीआईपी में लड़ाई तेज है, इस सीट पर बीजेपी अपना उम्मीदवार उतारने का मूड बना चुकी है, तो मुकेश सहनी चाहते हैं कि ये सीट वीआईपी को मिले।