क्यों है Russia के सैन्य वाहनों पर Z का निशान, क्या है इसका रहस्य? जंग में क्‍या है मायने?

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है । इस बीच रूसी जंगी वाहनों पर Z का निशान नजर आ रहा है । क्‍या है इसका मतलब, आगे जानें ।

New Delhi, Feb 28: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जंग रोकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं, यूक्रेन के शहरों में भयानक तबाही मची हुई है । लोग मर रहे हैं, चीख पुकार जारी है । हजारों शरणार्थियों की तरह रहने को मजबूर हैं । रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर कब्जा कर लिया है, इसके अलावा चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर भी रूस का झंडा फहरा रहा है । लेकिन इस दौरान एक बात जो सोशल मीडिया पर चर्चा में है, और जिसके बारे में सब जानना चाहते हैं वो ये कि रूस की सैन्य गाड़ियों पर Z का निशान क्यों बना है, इसका क्‍या मतलब है?

Z का निशान
सोशल मीडिया में कुछ तसवीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें रूसी सैन्य वाहन नजर आ रहे हैं । इन सभी पर अलग-अलग प्रकार से Z का निशान बनाया गया है । कहीं सीधे Z लिखा है, तो कहीं पर चौकोर बॉक्स में या त्रिकोण के अंदर Z बनाया गया है । ऐसे वाहनों की तस्‍वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं । रूसी डिफेंस पॉलिसी पर स्टडी कर रहे पीएचडी स्टूडेंट रॉब ली ने ट्वीट करके कहा कि यह एक तरह का बड़ा रेड फ्लैग है, ये रोसवार्दिया ट्रूप्स हैं । यानी ये उन एवटोजाक्स गाड़ियों में जा रहे हैं, जिनमें कैदियों को ले जाया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक आमतौर पर बेल्गोरॉड इलाके में इन गाड़ियों में Z का निशान बनाया जाता है ।

खास टुकड़ी भी युद्ध में हुई शामिल
रॉब ली ने बताया कि इन निशानों को देखकर लगता है कि यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस की सेना ने रोसवार्दिया सैनिकों को भी शामिल किया है । न्‍यूज रिपोर्ट के अनुसार रोसवार्दिया ट्रूप्स का मतलब होता है रसियन नेशनल गार्ड । ये रसियन आर्म्ड फोर्सेस से अलग हैं, इस सैन्य टुकड़ी की जवाबदेही सिर्फ राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को होती है । रोसवार्दिया ट्रूप्स को किसी भी जगह पर घुसपैठ और कब्जा करने के लिए बेहतरीन प्रशिक्षण मिला होता है।

पहचान के लिए लगाए गए निशान
सोशल मीडिया पर लोग चर्चा कर रहे हैं कि रूसी सैनिक आपस में गोलीबारी न कर लें इसलिए उनके वाहनों को पहचानने के लिए Z निशान लगाया गया है, यानी ये निशान पहचान के लिए है । वहीं डिफेंस थिंक टैंक RUSI के पूर्व निदेशक प्रो. माइकल क्लार्क ने बताया कि आमतौर पर ऐसे निशान लोकेशन बेस्ड होते हैं, ये उसी तरफ दिखाई देते हैं, जिस तरह सैन्य टुकड़ी बढ़ती है । युद्ध के दौरान अपने वाहनों पर पहचान के लिए ऐसे निशान बनाते हैं, ये सिर्फ सिंबल हैं इनका पीछे कोई रहस्य नहीं है ।