बीजेपी के बाद अमर सिंह खटखटा रहे यहां का दरवाजा, जया प्रदा इस सीट से लड़ सकती हैं चुनाव

यूपी बीजेपी के एक नेता का मानना है कि अमर सिंह की अगर बीजेपी के साथ कोई सहमति बनती है, तो वो बीजेपी के लिये अच्छा ही होगा।

New Delhi, Aug 13 : कभी समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे अमर सिंह के बारे में चर्चा है कि वो केन्द्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के करीब आने की कोशिश कर रहे हैं, इस चर्चा को और ज्यादा बल तब मिला, जब पिछले दिनों पीएम मोदी ने यूपी के एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान मंच से अमर सिंह का नाम लिया, अमर सिंह भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे, और बकायदा भगवा कुर्ता पहनकर पहुंच थे।

अखिलेश के कतर दिये पर
समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव का असर कम होने और अखिलेश यादव का दबदबा बढने की वजह से कभी पार्टी के दूसरे सबसे ताकतवर नेता माने जाने वाले अमर सिंह इन दिनों हाशिये पर हैं, हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुलायम सिंह यादव ने जैसे-तैसे उन्हें राज्यसभा भेजा, लेकिन बाद में जब अखिलेश यादव ने पूरी पावर अपने हाथ में ले ली, तो अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया। हालांकि उन्होने अखिलेश को मनाने के भरपूर कोशिश की, लेकिन जब लगा कि अब सपा में उनके लिये कोई गुंजाइश नहीं बची है, तो उन्होने दूसरे दरवाजे खोजने शुरु किये।

आरएसएस के संपर्क में
अमर सिंह को खुद को प्रासंगिक बनाये रखने के लिये लगातार हाथ-पैर मार रहे हैं, बीजेपी के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी इस बारे में कहते हैं, कि पहले भी अमर सिंह की बीजेपी के कई नेताओं से बातचीत होती थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में ये बढ गया है। वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी संगठनों के कुछ कार्यक्रमों में भी नजर आने लगे हैं, कहा जा रहा है कि संघ के कुछ पदाधिकारियों से भी वो नजदीकियां बढाने में लगे हुए हैं।

संघ से सहमति लेने की कोशिश
राजनीतिक एक्सपर्ट मान रहे हैं कि अमर सिंह बीजेपी में एंट्री पाने के लिये आरएसएस से सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि बीजेपी के पदाधिकारी ने कहा कि अमर सिंह पर कोई भी फैसला पीएम या अमित शाह ही करेंगे, दूसरा कोई भी उनके मामले में नहीं पड़ना चाहता। हां, अमर सिंह जरुर ये सोच रहे होंगे, कि अगर वो बीजेपी में शामिल होते हैं, तो कम से कम संघ की ओर से विरोध ना झेलना पड़े।

बिना पार्टी में शामिल हुए करेंगे काम
यूपी बीजेपी के एक नेता का मानना है कि अमर सिंह की अगर बीजेपी के साथ कोई सहमति बनती है, तो वो बीजेपी के लिये अच्छा ही होगा, क्योंकि वो यूपी में बीजेपी को फायदा पहुंचा सकते हैं, उनके पास यूपी की दोनों प्रमुख पार्टियां सपा और बसपा के कई राज हैं, ऐसे में लोकसभा चुनाव में अगर वो महागठबंधन के खिलाफ प्रचार करेंगे, तो बीजेपी को फायदा मिल सकता है, साथ ही उन्होने खुद भी ऐलान कर दिया है, कि वो बिना पार्टी ज्वाइन किये मोदी-योगी के लिये काम करेंगे।

जया प्रदा को मिल सकता है टिकट
दावा किया जा रहा है कि रामपुर से अमर सिंह की करीबी जया प्रदा को बीजेपी उतार सकती है, हालांकि अभी इस पर संशय बना हुआ है, इनसे जुड़े सूत्रों का दावा है कि अमर सिंह एक सपा नेता के संपर्क में हैं, जो सपा छोड़ एक नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं, हालांकि इसमें सबसे बड़ा रोड़ा मुलायम सिंह यादव हैं, वो दिग्गज सपा नेता को बार-बार रोक लेते हैं। अगर अमर सिंह नई पार्टी बनाते हैं, तो जया प्रदा उसी से चुनाव लड़ेगी, नहीं तो बीजेपी भी उन्हें चुनावी मैदान में उतार सकती है, जबकि अमर सिंह का चार साल राज्यसभा बचा हुआ है, इसलिये वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।