ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार से क्या उनके मेडल छीन लिए जाएंगे, इंडियन रेसलर हत्या मामले में मुख्य आरोपी हैं और पुलिस रिमांड में हैं ।
New Delhi, May 25: पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में सुशील कुमार पर आरोप से भारतीय कुश्ती की साख पर बट्टा लग गया है । सुशील देश के कोई आम पहलवान नहीं बल्कि जाने माने रेसलर हैं, वो भारत के लिए दो बार ओलंपिक खेलों में मेडल जीत चुके हैं, एक बार रजत तो दूसरी बार कांस्य पदक । देश का बच्चा-बच्चा उनका नाम जानता है, उनसे प्रेरणा लेता है । ऐसे में हत्या के मामले में उनका शामिल होना, नाम आना शर्मनाक है ।
क्या वापस ले लिए जाएंगे मेडल
सुशील कुमार घटना के बाद 17 दिन तक फरार रहे, देश के अलग-अलग हिस्सों में छुपते रहे । अब जब उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है और उनसे पुलिस पूछताछ जारी है तो सवाल उठने लाजमी हैं । सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर सुशील कुमार पर हत्या का आरोप सिद्ध हो जाता है, तो क्या उनके ओलिंपिक मेडल छीन जाएंगे? आगे पढ़ें क्या कहते हैं अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियम ।
किनसे छीने गए हैं पदक?
अब तक के मामले दखें तो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने अबतक केवल उन्हीं एथलीटों से पदक छीने हैं, जिन्होंने प्रतियोगिता के दौरान डोपिंग या फिर दूसरे नियमों का उल्लंघन किया है । ऐसे में सुशील कुमार हत्या के मामले में दोषी भी साबित हो जाते हैं, तो उनके ओलंपिक मेडल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा । आईओसी अब तक डोपिंग या नियमों के उल्लंघन के आरोप में कुल 149 पदक वापस ले चुकी है । इनमें से 49 स्वर्ण, 49 रजत और 51 कांस्य पदक शामिल हैं, इनमें से 63 फीसदी मेडल सोवियत देशों के खिलाड़ियों से वापस लिए गए हैं ।
आपराधिक मामलों में पदक वापसी नहीं
यानी अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया, जब आईओसी ने आपराधिक मामलों में किसी का मेडल छीना हो । दुनियाभर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब ओलंपिक विजेता खिलाड़ियों ने जघन्य अपराध किए हों, इसके बावजूद उनके मेडल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा । कुछ पुराने आंकड़े खंगाले जाएं तो वेबसाइट Olympedia.org के मुताबिक ओलंपिक में भाग ले चुके 76 खिलाड़ी अब तक जेल की हवा खा चुके हैं, इनमें से 27 मेडलिस्ट भी रहे हैं । लेकिन सजा मिलने और जेल की जाने के बावजूद ये अभी भी ओलंपिक मेडलिस्ट हैं ।
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