एक महीने के बेटे के सामने साड़ी का फंदा लगाकर मां ने कर ली खुदकुशी, सुसाइड नोट पढ़कर परिवार वाले रहे गए सन्‍न

पति से हुए मामूली विवाद के बाद एक महिला ने खुदकुशी कर ली । हैरान करने वाला है उसका सुसइड लेटर जिसमें वो ऐसा कुछ लिख गई हे जिसकी किसी ने कल्‍पता तक ना की हो ।

New Delhi, Sep 24 : दिल्‍ली के चाणक्‍यपुरी में रहने वाली एक विवाहिता ने मामूली विवाद में खुदकुशी कर ली । हैरानी की बात ये कि महिला ने जो खुदकुशी करने से पहले पत्र छोड़ा है वो किसी के गले नहीं उतर रहा है । एक महीने का बेटा मां के लिए रोता रहा और मां साड़ी का फंदा लगाकर झूल गई । घर के ऊपरी मंजिल से जब बच्‍चे के रोने की आवाज लगातार आती रही तो घर में मौजूद महिला के ससुर कमरे तक पहुंचे । दरवाजा ना खुलने पर खिड़की से झाांका तो बहू फांसी पर लटकी हुई मिली ।

सुसाइड लेटर
20 साल की इस महिला के दो बच्‍चे थे । बड़ा बेटा दो साल का है और दूसरा एक महीने का, जो खुदकुशी के समय उसी कमरे में था । बतायाजा रहा है महिला ने गुरुवार सुबह साढ़े 8 बजे फांसी लगाकर जान दे दी थी । महिला के पास से एक सुसाइड लेटर मिला है जिसमें पति के अच्‍छे होने और सुसराल वालों और पति को तंग ना करने की बात लिखी है । महिला ने अपने पति को दूसरी शादी करने की सलाह भी दी है ।

चरित्र को लेकर उठे सवालों से थी परेशान
महिला के सुसाइड लेटर से ये बात सामने आ रही है कि वो कहीं ना कहीं अपने पति के व्‍यवहार से तंग आ चुकी थी । लेटर में उसने पति पर उसके चरित्र को लेकर उंगली उठाने का जिक्र किया है । उसने खुद को अच्‍छी औरत बताया है । इसी वजह से उसने खुदकुशी की साथ ही अपने पति को दूसरी शादी करने की सलाह भी दे डाली । घटना के वक्‍त महिला का बड़ा बेटा अपने पिता के पास आंगन में खेल रहा था ।

मृतका का आखिरी खत
”मैं यमुना उर्फ बेबी में होश हवास में लिख रही हूं कि मेरे ससुराल वाले को परेशान नहीं किया जाए, वे बहुत अच्छे हैं। देवर, ननद भी अच्छे हैं । बड़ा बेटा रियांस 2 साल और छोटा रुद्रांश 1 माह का है। दोनों को मेरे मायके इंदौर में मेरी मां के पास छोड़ दिया जाए। वे वही रहकर पले-बढ़ेंगे। मेरे पति अनिल मालवीय ने मेरी मां से 12 हजार रु. लिए थे, उसे वापस दिला दें। मेरी रकम के हकदार दोनों बच्चे हैं। कोठी में गुल्लक रखी है जिसमें 150 रु. हैं, वह पैसे मेरी मम्मी ने छोटे बेटे रुद्रांश को कपड़े दिलाने के लिए दिए थे, वह उन्हें वापस दे दिए जाएं। और मेरे चरित्र पर कोई सवाल ना उठाएं, मैं गलत नहीं हूं। पति अनिल की दूसरी शादी करवा दी जाए।”

अस्‍पताल ले जाने से पहले ही हो चुकी थी मौत
बताया जा रहा है कि महिला ने जिस वक्‍त फांसी लगाई उसका एक माह का बच्‍चा उसके साथ ही था । बहुत देर तक जब बच्‍चे के रोने की आवाज आती रही तो ससुर शंकरलाल देखने पहुंचे । आवाज लगाने पर जब कमरा नहीं खुला तो खिड़की से देखो । उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं । बहू फांसी पर लटकी हुई थी । तुरंत उसने शोर कर घरवालों और पड़ोसियों को बुलाया, दरवाजा तोड़कर साड़ी का फंदा काटा गया और महिला को लेकर अस्पताल रवाना हुए लेकिन तब तक यमुना की जान जा चुकी थी ।

पति से हुई थी बहस
मृतक महिला की मौसी सुनीता ने बताया कि बुधवार शाम को यमुना के मोबाइल पर किसी का फोन आया था, इसी दौरान दामाद जी भी आ गए । उन्होंने पूछा कि – फोन किसका है । इस बात पर बहस भी हुई । रात में यमुना ने अपनी मां से कहा था कि हमें ले जाओ । मां ने समझाबुझाकर उसे अपने घर रहने की सलाह दी थी । लेकिन उसने अगले दिन खुदकुशी कर ली ।