‘बस कमी रह गयी थी “टंच” माल के शौकीन दिग्विजय सिंह की, वे भी आ जाते तो कोरम पूरा हो जाता’

केजरीवाल ने निर्भया के बलात्कारियो को सिलाई मशीन देकर रुख पहले ही साफ कर दिया था । उन्हें बलात्कार पीड़ित से अधिक आप के वोट की चिंता थी।

New Delhi, Aug 05 : जन्तर मंतर पर इकट्ठा हुए नेताओ ने बलात्कार जैसे बर्बर अपराध पर एकजुटता दिखाई। लेकिन इस सामाजिक बुराई से लड़ने का माद्दा उनमें नही दिखा। सिर्फ राजनीति चमकाई गयी। ऐसे लोगो ने इसमे हिस्सा लिया जिनका महिलाओं और बलात्कार के प्रति निहायत ही सामंती सोच रही है। केजरीवाल ने निर्भया के बलात्कारियो को सिलाई मशीन देकर रुख पहले ही साफ कर दिया था । उन्हें बलात्कार पीड़ित से अधिक आप के वोट की चिंता थी।

समाजवादी पार्टी के दर्जनों नेता मंच पर शेखी करते दिख रहे थे।इस पार्टी के सर्वेसर्वा का कहना था कि छोटी मोटी गलतियां जवानी में हो जाती है। आज उन छोटी मोटी गलतियों के लिए उन्हें राष्ट्रीय मंच मिला ।

इनके प्रवक्ता कितनी बेशर्मी से बलात्कारियो पर अपनी पार्टी के लिए लाइन के विपरीत बोला । साफ है कि कथनी और करनी में अंतर तो है। राहुल बाबा भी बोले कि देश का माहौल खराब हो गया है। राहुल बाबा खुद इस तरह के मामलों के आरोपी रहे हैं ।

राजद ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया । उनके नेता बिहार में लालू के जंगल राज के पृष्ठ पलटते तो पता लगता कि कितने राजद नेताओ ने इस धंधे को कानूनी जामा पहनाया था लालू के जंगल राज में ।एक और नेता दिखाई पड़े शरद यादव। जादो जी भरी महफ़िल ( संसद ) में महिलाओं के प्रति सुभाषित कहे थे। बस कमी रह गयी थी ” टंच ” माल के शौकीन दिग्विजय सिंह की। वे भी आ जाते तो कोरम पूरा हो जाता। वैसे इस प्रदर्शन में आंसू कम बहे मोमबत्तियां ज्यादा बिकी।

(वरिष्ठ पत्रकार योगेश किसलय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)