योगी सरकार के 80 फीसदी मंत्री हैं करोड़पति, टॉप-3 अमीर मंत्रियों में ये नाम शामिल

आपको जानकर हैरानी होगी कि योगी कैबिनेट के आधे से ज्‍यादा मंत्री करोड़पति है, जी हां सबसे ऊपर नाम है मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी का । हालांकि इन्हीं पर सर्वाधिक कर्ज भी है।

New Delhi, Jan 07: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ा हुआ है । योगी आदित्‍यनाथ रैलियों में एड़ी चोटी का जोर लगाते नजर आ रहे हैं, अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते और पिछली सरकार की खामियां गिनते नहीं थक रहे । सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की तरह समाजवादी पार्टी समेत दूसरे विपक्षी दल भी कुर्सी के लिए जी-जान से प्रयास में जुटे हैं। खबर तो ये भी है कि इस बार कई बड़े नामों का पतता कट सकता है । योगी सरकार भी अपने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है, जिसमें कई मंत्रियों के नाम भी शामिल हैं ।

योगी के 80 फीसदी मंत्री करोड़पति
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से सत्‍ता में आने वाले योगी आदित्‍यनाथ एक बार फिर वापसी की कोशिश में हैं । योगी कैबिनेट पर एक नजर डाली जाए तो तो चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक 80 प्रतिशत मंत्री ऐसे हैं, जो करोड़पति हैं। इसके अलावा करीब 45 फीसद मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं । आंकड़ों की बात करें तो एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 80 फीसद करोड़पति मंत्रियों की औसत संपत्ति 5.34 करोड रुपए है।

सबसे अमीर मंत्री हैं नंदी
योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी सबसे ज्‍यादा संपत्ति के मालिक हैं। नंदी, इलाहाबाद साउथ सीट से विधायक हैं । इन्‍होंने हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 57.11 करोड़ रुपये बताई थी। उनके बाद इलाहाबाद वेस्ट सीट से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह अमीर मंत्रियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। उनके पास 22.06 करोड रुपए की संपत्ति है। इन दो के बाद अमीर मंत्रियों की लिस्ट में तीसरा नाम है कानपुर नगर के महाराजपुर सीट से विधायक सतीश महाना का । वह 20 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं।

कितने पढ़े लिखे हैं योगी के मंत्री?
योगी कैबिनेट के 84 प्रतिशत मंत्री ग्रेजुएट हैं । चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी पर एक नजर डालें तो योगी सरकार के 84 फीसदी मंत्री ऐसे हैं जो yogiया तो ग्रेजुएट हैं या उससे ज्यादा पढ़े लखे हैं। जबकि 16 प्रतिशत दसवीं या बारहवीं तक पढ़े-लिखे हैं। यानी योगी कैबिनेट पढ़े लिखे मंत्रियों से लैस है ।