अगर आपका बच्चा बार बार बीमार पड़े तो समझ जाएं कि बच्चे को ये गंभीर बीमारी है। इस बारे में डॉक्टर्स ने कुछ खास बातें बताई हैं। आप भी जानिए।
New Delhi, Mar 15: अगर आपका बच्चा बार बार बीमार पड़े, तो आपको ये समझ जाना चाहिए कि आपका बच्चा किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में करीब 10 लाख बच्चे ऑटो इम्यून डिज़ीज से परेशान हैं। इसमें शरीर के इम्यून सिस्टम का हिस्सा ठीक रूप से कार्य नहीं करता है और अलग-अलग अंगों को प्रभावित करता है।
इन बातों का ध्यान रखें
बताया गया है कि इससे रूमेटाइड आर्थराइटिस, थायरॉइड, टाइप 1 डायबीटीज, सोराइसिस और ल्यूपस जैसी कई बीमारियां होती हैं। हाल ही में डॉक्टर्स ने इस बारे में कुछ खास बातें बताई हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर को बीमारियों से बचाती है और खतरनाक रोगों से शरीर की रक्षा भी करती है, लेकिन इस ऑटो इम्यून डिफीशेंसी से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है।
ऐसी खतरनाक है बीमारी
अब आप ये भी जानिए कि आखिर ये बीमारी कितनी खतरनाक है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस बीमारी के प्रति लोगों के साथ ही खुद डॉक्टर्स को भी जागरूक होने की जरूरत है, जिससे मरीज को सही उपचार मिल सके। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से 1200 में से 1 बच्चा पीड़ित होता है। इस बीमारी से ग्रसित ज्यादातर बच्चों की मृत्यु जन्म के एक वर्ष के भीतर हो जाती है।
ये भी है खास वजह
इसकी बड़ी वजह ये भी है कि इस बीमारी की पहचान समय रहते नहीं हो पाती है। ऐसे में अगर बच्चा बार-बार बीमार पड़े तो नजरअंदाज ना करें। अब आपको बताते हैं कि इस बीमारी के कौन कौन से लक्षण हैं। मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी होना, जोड़ों में दर्द होना, अनिद्रा की शिकायत होना, वजन में कमी होना और दिल की धड़कन अनियंत्रित होना इसके लक्षण हैं।
ये हैं बीमारी के लक्षण
इसके अलावा इस बीमारी के कुछ और भी लक्षण हैं। जैसे त्वचा का अतिसंवेदनशील होना, दिमाग ठीक से काम न करना, त्वचा पर धब्बे पड़ना, हमेशा थका हुआ महसूस करना, ध्यान केंद्रित करने में समस्या, पेट में दर्द होना, बालों का झड़ना, हाथ और पैरों में झुनझुनी होना या सुन्न हो जाना, मुंह में छाले होना, रक्त के थक्के जमना..ये भी इस बीमारी के लक्षण हैं।
बच्चे को बार-बार हो रहा है संक्रमण ?
डॉक्टर्स का कहना है कि अगर किसी बच्चे को बार-बार संक्रमण हो रहा है या फिर संक्रमण हो जाने के बाद ऐंटीबायॉटिक दवाओं का असर नहीं हो रहा है तो ऐसे हाल में बच्चे को विशेषज्ञ के पास ले जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया तो बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है। यह संक्रमण फेफड़े से लेकर जोड़ों तक में हो सकता है। इस तरह की समस्या होने पर दवा का भी असर नहीं होता है।
तुरंत डॉक्टर्स की सलाह लें
इसके अलावा डॉक्टर्स ने इस बारे में कुछ और भी खास बातें बताई हैं। इस बारे में भी आपका जानना बेहद जरूरीा है। इस रोग में बच्चे आर्थराइटिस से भी पीड़ित हो सकते हैं। यह बीमारी हिमोफिलिया की बीमारी से 4 गुना ज्यादा कॉमन है। कुछ मामलों में यह बीमारी व्यस्क हो जाने के बाद पता चलती है। इसलिए इस गंभीर बीमारी से लोगों को बचाएं।