बहुत जरूरी है नवजात शिशुओं की मालिश, लेकिन किस तेल से करें ?

मजबूत हड्डियों और मसल्‍स के लिए शिशुओं की मालिश बहुत जरूरी है । लेकिन मालिश के लिए इस्‍तेमाल किया जाने वाला तेल कौन सा हो । आगे जानिए ऐसे ही 8 तेलों के बारे में ।

New Delhi, Dec 24 : शिशुओं की नाजुक त्‍वचा के लिए मां चुनती है तो बस … ऑयल । ऐसे कई एड्स आपने टीवी पर देखे होंगे । लेकिन आज हम आपको उन तेलों के बारे में बता रहे हैं जो इन एड वाले तेलों से ज्‍यादा सेहतमंद हैं ओर शायद आपकी दादी या नानी ने आपकी मालिश भी इन्‍हीं से की होगी । जी हां, हम बात कर रहे हैं रोजमर्रा में इस्‍तेमाल होने वाले तेलों के बारे में, जो किसी ना किसी प्रकार से हमारी भोजन श्रृंखला से जुड़े हैं । नाजुक नवजात की त्‍वचा पर इन तेलों का कोई साइड इफेक्‍ट नहीं है ।

सरसों का तेल
तेलों में तेल सरसों का तेल, ये तेल कभी आउटडेटेड नहीं हो सकता । सरसों का तेल बच्‍चों की नाजुक त्‍वचा के लिए सेफ है, हैल्‍दी है । इस तेलOil की मालिश से बच्‍चों की हड्डियों मजबूत होती हैं । इस तेल से मालिश के बादबच्‍चों को नहलाना जरूर चाहिए । सर्दियों में सरसों के तेल में लहसुन को खूब पका के उस तेल से बच्‍चों की मालिश करनी चाहिए । ऐसा करने से बच्‍चे को सर्दी नहीं लगती ।

केस्टर आयल या अरंडी का तेल
अरंडी का तेल पुराने समय से ही मालिश के लिए प्रयोग में आता रहा है । केस्टर आयल को ही अरंडी का तेल कहा जाता है । यह तेल नवजात शिशुओं की मालिश के लिए भी एकदम सुरक्षित है । ये तेल बच्‍चे की त्‍वचा को पोषण प्रदान करता है । साथ ही उसकी त्‍वचा, बालों और नाखूनों को स्‍ट्रॉन्‍ग बनाता है । सर्दियों में त्‍वचा को शुष्‍क नहीं होने देता । बस इससे मसाज करते हुए ध्‍यान रखें कि ये बच्‍चे की आंखों और होंठो पर ना जाए ।

नारियल का तेल
बच्‍चें की नाजुक त्‍वचा के लिए सबसे नाजुक तेल, नारियल का तेल । ये भी शिशुओं की मसाज के बेस्‍ट है । इसमें मौजूद वसा बच्‍चों की नाजुक त्‍वचा के लिए एकदम उपयुक्‍त है । कोकोनट ऑयल स्किन रिपेयरिंग के लिए सबसे अच्‍छा माना जाता है, इसीलिए इसे कटे, जले पर लगाने से वहां की त्‍वचा वापस ठीक हो जाती है । बच्‍चों की त्‍वचा भी इस समय बनती है तो नारियल का तेल सबसे बेस्‍ट माना जा सकता है ।

जैतून का तेल
Olive Oil या जैतून का तेल मसाज से लेकर खाना पकाने तक में काम आता है । विटामिन ई से भरपूर जैतून बच्‍चों की हड्डियों को मजबूत बनाता है । सुबह और शाम दो समय इस तेल से की गई मालिश से शिशु एक्टिव रहता है । ये तेल त्‍वचा पर काफी हल्‍का होता है, इससे मालिश के बाद बच्‍चे को तुरंत नहलाने की आवश्‍यकता नहीं होती । इस तेल को बॉडी जितना अब्‍जॉर्ब करे उतना अच्‍छा ।

बादाम का तेल
शिशुओं की त्‍वचा पर बादाम का तेल लगाने से त्‍वचा निखर उठती है । बादाम के गुण त्‍वचा के लिए सर्वोत्‍तम माने जाते हैं । इस तेल की मालिश

से शिशुओं की हड्डियां और मसल्‍स स्‍ट्रॉन्‍ग होते हैं । मालिश करने के लिए बच्‍चे को खुली जगह पर नहीं बल्कि बंद कमरे में ले जाएं । मालिश के दौरान बच्‍चों को ठंड जल्‍दी पकड़ती है । इसलिए ध्‍यान रखें । मालिश के बाद फौरन ना नहलाएं, बल्कि बच्‍चे को कपड़े पहनाकर कुछ देर खेलने दें ।

तिल का तेल
आमतौर पर घरों में इस तेल का इस्‍तेमाल पूजा में किया जाता है । ये तेल शिशुओं की मालिश के काम भी आता है । अगर आपके बच्‍चे की त्‍वचा शुष्‍क है तो आपको तिल का तेल जरूर लगाना चाहिए । इसी तेल की मालिश आपके बच्‍चे की स्किन को और मजबूत बनाएगी । रोम छिद्र खुलेंगे । ध्‍यान रहे ये तेल नकली नहीं होना चाहिए, विश्‍वसनीय दुकान से ही ये तेल खरीदें । तिल का तेल शरीर में गर्मी देता है, इसलिए इसका इस्‍तेमाल सर्दियों में सबसे बेस्‍ट है ।

सूरजमूखी का तेल
सूरजमूखी का तेल बच्‍चों की त्‍वचा के लिए एकदम सुरक्षित होता है । इसमें विटामिन ई और जरूरी फैटी एसिड होते हैं जो शरीर को मजबूती

देते हैं । शिशुओं की मालिश इस तेल से करने से बच्‍चों की त्‍वचा को पोषण मिलता है, साथ ही बॉडी को काफी फायदा होता । इस तेल का प्रयोग भोजन बनाने में किया जाता है, ये खाने के स्‍वाद को बढ़ाता है औश्र स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी अच्‍छा माना जाता है  ।

केमोमाइल आयल
केमोमाइल को हिंदी में बाबूना कहा जाता है । ये एक आयुर्वेदिक हर्ब है जिसका इस्‍तेमाल चाय बनाने से लेकर तेल बनाने तक में होता है । यह

एक बेहतरीन तेल होता है, इस तेल से शिशुओं की मालिश करना अत्‍यंत लाभप्रद होता है । इस तेल में नवजात शिशु की त्‍वचा के लिए जरूरी सभी पोषक तत्‍व होते हैं । इस तेल से बच्‍चों की स्किन पर किसी प्रकार के रैश नहीं पड़ते हैं और ना ही किसी प्रकार का कोई संक्रमण होता है ।

टी-ट्री ऑयल
चाय की पत्‍ती का तेल, बेहद सुगंधित होता है । ये तेल ज्‍यादातर स्‍पा में इस्‍तेमाल किया जाता है । एंटी-बॉयोटिक गुणों से युक्‍त टीट्री ऑयल शिशुओं की नाजुक त्‍वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है, डॉक्‍टर्स भी मानते हैं कि इस तेल के औषधीय गुण बच्‍चे को तन-मन से पिफट बनाते हैं । एक बाद का जरूर ध्‍यान रखें मालिश करने के बाद बच्‍चों को नहलाए जरूर, नहीं तो उने रोमछिद्र खुल नहीं पाएंगे, सर्दियों में बच्‍चों को 3 से 4 दिन के अंतराल पर नहला सकते हैं ।