पथरी का बेजोड़ इलाज है ये दाल, स्वाद और सेहत का अनमोल खजाना

पथरी एक ऐसी बीमारी है, जो इंसान को कई बार बड़ा दर्द देती है। इसके कई प्राकृतिक इलाज हैं, जिनमे से ये दाल सबसे बेजोड़ इलाज है। आप भी जानिए

New Delhi, Feb 23: पथरी…यानी एक ऐसी बीमारी, जिसका दर्द इतना भयकंर होता है कि सहन करना ही मुश्किल हो जाता है। आज के दौर में लोग पथरी के इलाज के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे अपना रहे हैं। हालांकि ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि एक दाल के जरिए भी इस पर काबू पाया जा सकता है। इस दाल में ऐसे कुदरती गुण होते हैं, जो पथरी का बेजोड़ इलाज कहे जा सकते हैं।

पथरी का सबसे बेहतर इलाज
गहत की दाल एक ऐसी दाल है, जिसके सेवन से आपके शरीर में मौजूद पथरी कुछ ही दिनों में खत्म हो सकती है। इस दाल को लेटिन भाषा मे डोलीचस बाइफ्लोरस के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इस दाल को हार्स ग्राम के नाम से भी जाना जाता है। खास बात ये है कि ये दाल हिमालयी क्षेत्रों में बहुतायत पाई जाती है। वहां शायद ही कोई ऐसा हो, जिसने इसका सेवन ना किया हो।   

कई देशों में होती है इस्तेमाल
भारत और नेपाल समेत कई एशियाई देशों में सदियों से इसकी दाल का प्रयोग पथरी यानी किडनी स्टोन के इलाज में किया जाता है। उष्ण प्रवृति का होने की वजह से इसका सूप जबरदस्त होता है। ये दाल आयरन का जबरदस्त स्रोत है और किडनी समेत कई उदर रोगों में फायदेमंद होती है। इसके और भी बेहतरीन से बेहतरीन फायदे हैं।

एंटीऑक्सीटेंड गुणों से भरपूर
वैज्ञानिक इसे एन्टीहायपरग्लायसेमिक गुणों से भरा हुआ मानते हैं। इसके अलावा शुगर के दौरान लिए जाने वाले इंसुलिन के रेसिस्टेंट को कम करने में भी ये दाल काफी मददगार साबित होती है। इसके बीज के छिलकों में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। अब आपको इंडियन जनरल ऑफ मेडिकल रिसर्च की भी एक रिपोर्ट बता देते हैं।

ये कहती है शोध
इंडियन जनरल ऑफ मेडिकल रिसर्च में एक शोध प्रकाशित किया गया है। इस शोध में बताया गया है कि ये दाल किडनी स्टोन को खत्म करने में काफी लाभदायक है। आयुर्वेद में भी इस दवा का इस्तेमाल अश्मरी,मूत्रल और ऐमेनोरेया में इस्तेमाल किया जाता है। NCBI में प्रकाशित एक ताजा रिसर्च कहती है कि ये दाल वेट कंट्रोल करने में काफी फायदेमंद है।

शरीर में जलन हो तो ऐसा करें
इसके साथ ही सिद्ध चिकित्सा पद्धति में भी इस दाल का इस्तेमाल कोलू नाम से किया जाता है। इसकी पत्तियों का प्रयोग जलन वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है। इस दाल में जबरदस्त मात्रा में प्रोटीन होता है, इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसके अलावा ये दाल पथरी के उपचार की औषधि भी है।वैज्ञानिक कहते हैं कि ये दाल गुर्दे के रोगियों के लिए अचूक दवा है।

इसमें छिपा है हर बीमारी का इलाज
हिमालयी क्षेत्रों में शीतकाल के दौरान इस दाल का सबसे ज्यादा सेवन किया जाता है। गहत की दाल का रस गुर्दे की पथरी का बेजोड़ इलाज है। इसके रस का लगातार कई माह तक सेवन करने से स्टोन धीरे-धीरे गल जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। इसमें प्रोटीन की मात्रा भी पाई जाती है, जो कमजोर लोगों के लिए विशेष लाभदायी होता है।
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