एक जड़ी-बूटी में कई बीमारियों का इलाज, लेकिन इसे पाना इतना आसान नहीं

प्रकृति ने हमें कुछ ऐसी जड़ी-बूटी दी हैं, जिनसे गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज एक झटके में हो जाता है। आज हम आपको एक ऐसी ही जड़ी के बारे में बता रहे हैं।

New Delhi, Feb 24: प्रकृति ने हमें कई कुदरती खजाने दिए हैं, जिन के दम पर हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। आज के दौर में जहां लोग शरीर को अंदर से खत्म कर देने वाली महंगी दवाओं के फेर में पड़ गए हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो आयुर्वेद पर भरोसा रखते हैं। आयुर्वेद की इसी कड़ी में हम आपको आज एक जड़ी-बूटी की जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन है।

ये है वो प्राकृतिक औषधि
कहा जाता है कि हिमालयी क्षेत्र प्रकृतिक औषधि की खान हैं। इन वनौषधियों में जबरदस्त क्षमता होती है कि हर रोग से छुटकारा दिलाएं, बस समझने की देर है कि आखिर इनका इस्तेमाल किस तरह से किया जा सकता है। आज हम बात करने जा रहे हैं सेहुंड की। सेहुंड को आयुर्वेद में कई बीमारियों का अचूक इलाज माना गया है। आइए इस बारे में जानते हैं।

इसे कई नामों से जाना जाता है
आम तौर पर इसे सुरू, सुंडु या फिर श्योण नामों से भी जाना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हिमालय में पाई जाने वाली इस जड़ी का इस्तेमाल आयुर्वेद और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में किया जाता है। आम तौर पर इसकी दो प्रजातियां होती हैं। इन्हें ‘यूफोरबिया रायलियाना’ और ‘नेरिफोलिया’ कहा जाता है। दोनों ही हर इलाज में कारगर हैं।

कैंसर का बेजोड़ इलाज
कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि आयुर्वेद में सेहुंड का इस्तेमाल वज्रक्षार, स्नुहयादि तैल और स्नुहयादि वर्ति में किया जाता है। आपकी पाचन क्षमता को बढ़ाने के लिए ये जड़ी कमाल की है। ये अपने आप में एंटीऑक्सीडेंट का काम करती हैं, जिसे कैंसर के इलाज में बेहतरीन माना जाता है। इसके अलावा खून का संचार सही रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है।

सांस संबंधी बीमारियों से राहत
अगर आपको सांस संबंधी कोई बीमारी है, तो सेहुंड का सेवन करना चाहिए। त्वचा से संबंधी बीमारियों के लिए सेहुंड से चमत्कारी जड़ी कोई नहीं है। सेहुंड करीब 6 फीट का पौधा होता है, इसकी  छाल, जड़, पत्तियां और पत्तियों से निकलने वाला दूध लाभकारी है। अगर आपके शरीर में किसी अंग में सूजन है तो सेहुंड की पत्तियां गर्म करके प्रभावित जगह पर लगा लें।

इसकी पत्तियां भी कमाल की हैं
सेहुंड की पत्तियां सूजन के साथ साथ दर्द भी कम करती हैं। इसके अलावा अगर आपके कान में दर्द हो रहा है, तो डॉक्टर कहते हैं कि सेहुंड का दूध कान के दर्द में काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा अगर आपके दांत में दर्द है तो सेहुंड के दूध को रूई के फाहे के साथ भिगो कर प्रभावित जगह पर रखा जा सकता है। इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं।

कमाल का है इसका दूध
त्वचा के रोगों की घरेलू चिकित्सा में सेहुंड का दूध का इस्तेमाल किया जाता है। बवासीर के अंकुरों पर सेहुंड के दूध का लेप करने से वो खत्म हो जाते हैं। भगंदर के इलाज में क्षार सूत्र को तैयार करने में भी सेहुंड के दूध का इस्तेमाल होता है। कुल मिलाकर कहें तो ये जड़ी-बूटी अपने आप में कई रोगों का इलाज है। हर किसी के लिए ये आयुर्वेद का बेहतरीन फॉर्मूला है।