घी अच्छा है या मक्खन ? जानिए सेहत से जुड़ी ये सबसे बड़ी बात

सेहत के लिए घी और मक्‍खन में से किसे चुनें, आपके और आपके बच्‍चों के लिए दोनों में से क्‍या सही है, आइए आगे जानते हैं ।

New Delhi, Dec 14 : आयुर्वेद कहता है कि घी खाने से ना सिर्फ खाने का स्‍वाद बढ़ता है साथ ही इससे शरीर को एक खास तरह की ऊर्जा भी मिलती है । घी का सेवन सर्दियों में करना लाभदायक तो माना ही जाता है ये शरीर को गर्मी भी पहुंचाता है । गर्भवती महिलाओं को खास तौर पर आखिर के महीनों में घी खाने की सलाह दी जाती है । लेकिन आजकल घी नहीं बल्कि लोगों के घरों में बटर ने अपनी जगह बना ली है । घी को ओल्‍ड टाइम का कहकर बटर को तरजीह दी जा रही है । घी और मक्‍खन में कौन आपके लिए बेहतर है, ये हम आज आपको बताते हैं ।

लैक्‍टोज और कैसीन फ्री हो ता है घी
घी और बटर एक दूसरे से अलग नहीं हैं । घी, मक्खन का ही बाई प्रोडक्‍ट है । दूध से घी बनाने की प्रक्रिया में पहले मक्‍खन और फिर उससे घी तैयार किया जाता है । घी में लैक्‍टोज और कैसीन दोनों ही तत्‍व नहीं पाए जाते, जबकि ये बटर में मौजूद होते हैं । जिन लोगों को लैक्‍टोज से एलर्जी है वो मक्‍खन नहीं खा सकते । इसलिए उन्‍हें घी का सेवन करना चाहिए ।

खाना पचाने में सहायक
मक्खन से उलट घी एक क्षारीय आहार (Alkaline Diet) होता है । घी में फैट की छोटी श्रृंखला मौजूद होती है इसे ब्यूटरेट्स कहते हैं । ये

आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं । घी खाने से आपको पाचन तंत्र से जुड़े कई और तरह के फायदे हो सकते हैं । घी हमारे शरीर में पहुंचकर आंतों के बैक्टीरिया फाइबर को बटरिक एसिड में बदलता है और ऊर्जा पैदा करता है । इस ऊर्जा से आंतों की दीवार मजबूत होती है ।

कॉलेस्‍ट्रॉल की मात्रा कम होती है
घी खाने से कॉलेस्‍ट्रॉल बढ़ता नहीं है । गाय के घी में वो शक्ति होती है कि ये आपके वजन घटाने की प्रकिया में भी मदद करता है । घी में मीडियम चेन फैटी एसिड पाए जाते हैं इन्‍हें लीवर तुरंत सोख कर बर्न कर देता है । इसका कोई असर शरीर पर नहीं पड़ता है । जबकि रिसर्च कहती हैं घी की जगह मक्‍खन का इस्तेमाल करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है और बॉडी के कॉलेस्ट्रॉल पर इसका कोई भी असर नहीं पड़ता ।

कैंसर से लड़ने में मददगार
घी को लेकर हुए एक शोध में पता चला है कि घी खाने से कैंसर जैसे रोगों से भी मुक्ति मिल सकती है । घी सीएलए यानी कॉन्जुगेटेड लिनोइक एसिड मौजूद होता है, यह एक तरह फैटी एसिड होता है । यह शरीर में कैंसर से लड़ने में सहायक होता है । घी में विटामिन ए, डी के साथ ही मिनरल्‍स जैसे फॉस्‍फोरस, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे तत्‍व उचित मात्रा में मौजूद हारेते हैं जो हमारे शरीर को फायदा पहुंचाते हैं ।

वजन घटाने में मदद करती है घी
मक्‍खन की तुलना में घी बहुत ज्‍यादा  सेहतमंद है क्‍योंकि ये आपका फैट बढ़ाती नहीं बल्कि उसे बर्न करने में मदद करती है । घी में हेल्‍दी फैट पाया जाता है, जिससे बैड फैट हटाने में मदद मिलती है । घी में एमिनो एसिड पाया जाता है ये बॉडी में जमे हुए फैट को पिघलाकर फैट सेल्‍स का साइज नॉर्मन करने में मदद करता है । अगर आपकी बॉडी में फैट बहुत जल्‍दी बढ़ता या घटता है तो घी आपकी मदद कर सकती है  ।

मक्‍खन से होता है नुकसान
घी में कुछ खास तरह के शॉर्ट चेन फैटी एसिड मौजूद होते हैं जिनकी वजह से शरीर द्वारा लिया गया भोजन आसानी से पच जाता है । घी में मौजूद ये शॉर्ट चेन फैटी एसिड हमारे शरीर में मौजूद दूसरे हार्मोन के लिए भी प्रभावी होते हैं । घी की तुलना में बटर लॉ चेन फैटी एसिड से युक्‍त होता है जो शरीर को ज्‍यादा नुकसान पहुंचाता है । ये शरीर में फैट जमा करने का काम करता है ।

तनाव मुक्‍त बनाता है घी
देसी घी कैलोरी ही नहीं बल्कि विटामिन और मिनरल्‍स से भरपूर होती है । आयुर्वेद के अनुसार हर रोज एक गिलास दूध में एक चम्‍मच घी और मीठी मिश्री मिलाकर पीना चाहिए । घी मिले दूध को पीने से शरीर तो मजबूत होता है, दिमाग भी ताकतवर बनता है साथ ही मानसिक रूप से आप तनाव मुक्‍त रहते हैं । आज भी भारत में पहलवान इस उपाय का प्रयोग नियमित रूप से करते हैं ।

प्रसव में मददगार घी
गर्भवती महिलाओं को आखिरी महीने में घी खाने की खास सलाह दी जाती है । ऐसा करने से महिला को जहां प्रसव के दौरान ज्‍यादा तकलीफ नहीं होती तो वहीं गर्भ में मौजूद शिशु भी मजबूत, और तेज बुद्धि का बनता है । गाय के घी में दवाई सी ताकत होती है । महिला को प्रसव के कुछ समय बाद से देसी घी की डायट देनी शुरू कर देनी चाहिए, शरीर के पुननिर्माण में ये सहायक होती है । कुल मिलाकर मक्‍खन के मुकाबले घी कहीं ज्‍यादा फायदेमंद है । तो बटर को कहें बाय-बाय और घी का करें मोस्‍ट वेलकम ।
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